कॉचियाबिन्द (ग्लूकोमा) नजर का मूक चोर- डॉ. जनक सरीवान

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Ajay Namdev- 7610528622

अनूपपुर। जिला चिकित्सालय के डॉ. जनक सरीवान नेत्र सर्जन ने बताया कि कॉचियाबिन्द या ग्लूकोमा जो नेत्र का एक खतरनाक रोग है जिसमे जागरूकता के अभाव में रोगी को पता बहुत देर से चल पाता है। यह बीमारी आंख का दवाब का सामान्य से अधिक बढ़ जाने के कारण होती है, जिसमे आंख का तंत्रिका धीरे-धीरे सूखने लगती है। पीड़ित व्यक्ति को कोई भी वस्तु के चारो तरफ धुंधली दिखाई देने लगती है और धीरे-धीरे नजर पूरी तरह से खत्म हो जाती है जिसको दुर्भाग्य से वापस लाना संभव नही है। भारत में सह अंधापन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। लगभग एक करोड़ भारतीय बांचबिन्द से पीड़ित है जिसमे 1.5 लाख नेत्रहीन या नजरहीन है।

इनको हो सकती है बीमारी

ऐसे व्यक्ति जो 40 वर्ष पार है, शुगर या रक्तचाप से पीड़ित है, जिसके परिवार में यह बीमारी है, पूर्व में आंख में चोट लगी हो, लम्बे समय से स्टरायड दवा का उपयोग किया हो आदि को यह बीमारी हो सकती है।नियमित आंखों की जांच, उपचार एवं जागरूकता ही इसका बचाव है। जिला चिकित्सालय के डॉ. जनक सरीवान नेत्र सर्जन एवं कॉचियाबिन्द विशेषज्ञ के द्वारा समय-समय पर आंखों की जांच कराने की अपील की गई है।

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