गोली मारी, चाकू से गोदा, आग लगाकर घसीटते हुए खाई में फेंका

जघन्य हत्याकाण्ड के आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस अधीक्षक ने लिया संज्ञान, मृतक के परिजनों से लिए बयान
(Amit Dubey-8818814739)


रंजिश या प्रतिस्पर्धा बनी कारण
घटना के संदर्भ में जो जानकारी मिली है, उस पर यकीन करें तो, 24 वर्षीय अल्वार राजा धनपुरी के कच्छी मोहल्ला का निवासी है, मृतक अल्वर बेरोजगार था और कच्छी मोहल्ला में अर्से से नशे का कारोबार करने वाले मंजा, डॉ. शरीफ, काली पप्पू व खैरहावाली के नाम से ख्याति प्राप्त इन अवैध कारोबारियों तक संभवत: ग्राहक पहुंचाने का काम करता था, यह भी बात सामने आई कि मृतक के मंसूर नामक युवक से संबंध थे और बीते सप्ताह मंसूर का मंजा से झगड़ा हुआ था, चूंकि मृतक ने मंसूर की मदद की थी, इस कारण वह उससे रंजिश रखता था, पूरी योजना मंजा नामक नशे के कारोबारी ने बनाई और अमित कोरी व काली पप्पू के माध्यम से इसे अंजाम तक पहुंचाया।
यह किया हत्यारो ने!
घटना के संदर्भ में ऑफ रिकार्ड जो जानकारी सामने आई है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है, आरोपियों ने अल्वर राजा उर्फ सोनू की एक बार नहीं बल्कि कई बार हत्या की, घटना के दिन 12 मई की शाम को काली व अमित मृतक के घर लगभग रात 9 बजे गये, आपस में परिचित होने के कारण उनके साथ घूमने निकल गया, बंगवार क्षेत्र के जंगल में जाकर तीनों ने संभवत: नशा किया, फिर इनके बीच विवाद हुआ और इसी दौरान मंजा वहां पहुंचा। मंजा नामक कथित नशे के कारोबारी ने कट्टा निकालकर पहले पास की चट्टान पर गोली फायर की और दूसरी गोली अल्वर के सीने में दाग दी। संभवत: इससे अल्वर अधमरा तो हो गया, लेकिन उसकी सांसे थमने से पहले तीनों ने उसके ऊपर चाकू या किसी अन्य हथियार से गंभीर वार किये, इसकी पुष्टि पुलिस को मृतक की लाश की शिनाख्त से भी हुई, मृतक के दाहिने कंधे व पेट पर कटे के निशान पाये गये थे।
लाश को मोटर सायकल से घसीटा
यह भी बात सामने आई कि गोली और चाकुओं से मारने के बाद मोटर सायकल से पेट्रोल निकालकर अल्वर की लाश पर डाला गया और आग लगाकर समीप के नाले में धकेल दिया गया। बाद में जब उन्हें यह लगा कि अल्वर की लाश मिलने से वे फंस सकते हैं तो, गुनाह छुपाने के लिए हत्यारों ने संभवत: मोटर सायकल की कोई वायर तोड़कर उससे मृतक को बांधा और उसे घसीटते हुए बंद बैगा खुली खदान की पानी से भरी खाई के समीप ले गये, एक बोरे में पत्थर डाले और लाश का एक सिरा उसमें डालकर रस्सी से बांधने के बाद गहरे पानी में फेंक दिया गया।
दर्ज हुई गुमशुदगी
12 मई को घर से निकलने के बाद जब अगले दिन तक मृतक घर नहीं पहुंचा तो, परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, स्थानीय अंजुमन के सदर सहित अन्य लोगों ने पुलिस से मुलाकात कर कथित बदमाशों पर सीधे आरोप लगाये थे, 14 मई की शाम जब पानी में लाश होने की खबर सामने आई, इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, इधर पुलिस ने शव को पानी से निकालने के बाद पंचनामा आदि कर रात को ही शव अस्पताल भेज दिया।
सारी रात मेहनत, सुबह मिली सफलता
निर्मम हत्या की सूचना धनपुरी थाना प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक को दी, कप्तान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओपी धनपुरी सहित बुढ़ार, धनपुरी व अमलाई थानों को इस मामले में एलर्ट किया, इसका नतीजा यह रहा कि शुक्रवार की दोपहर तक मंजा, काली पप्पू, कोरी सहित रहमान उसके दो अन्य साथी व अन्य कई को पुलिस पूछताछ के लिए थाने पकड़कर लाई, पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र शुक्ला ने बताया कि हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझा ली गई है, कुछ साक्ष्य और लिखा-पढ़ी के बाद खुलासा किया जायेगा।
कुएं में मोबाइल, शहडोल में कट्टा
घटना के बाद जब पुलिस ने मंजा व अन्य आरोपियों से पूछताछ शुरू की तो, यह बात सामने आई कि हत्या में जिस कट्टे का उपयोग किया गया था, वह संभवत: रहमान नामक युवक से लिया गया था, जिसे घटना कारित करने के बाद मंजा ने वापस रहमान को दे दिया था, रहमान ने यह हथियार पुरानी बस्ती में रहने वाले अपने साढू के लड़के व उसके मित्र यादव को दिया था, पुलिस ने गुरू व शुक्र की रात को ही शहडोल में दबिश दी, वहां से कट्टा और जहां पर हत्या की गई थी, वहां से चलाई गई एक अन्य गोली का खोखा भी पुलिस ने जब्त किया है, यही नहीं घटना के दौरान मोबाइल धनपुरी के जिस कुएं में फेंकी गई थी, पुलिस उसे भी निकालने में मशक्कत करती नजर आई।
यह है एसपी की ”स्पेशल-21″
उक्त कार्यवाही पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र शुक्ला के निर्देशन में एसडीओपी भरत दुबे, थाना प्रभारी बुढ़ार महेन्द्र सिंह चौहान, थाना प्रभारी अमलाई कलीराम परते, थाना प्रभारी धनपुरी रत्नाम्बर शुक्ल, उपनिरीक्षक विकास सिंह, सन्तूलाल धुर्वे, नन्दूलाल प्रजापति, सहायक उपनिरीक्षक विनोद तिवारी, वेद तिवारी, रोशनलाल पाण्डेय, गुलाम हुसैन, पी.सी. मिश्रा, प्रधान आरक्षक नवीन सिंह, आरक्षक गजेन्द्र सिंह, सतीश चौरसिया, शंकर प्रजापति, संदीप, शरद, अशोक, मो. जाहिद की भूमिका रही, पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरूष्कृत करने की घोषणा की।
उक्त कार्यवाही पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र शुक्ला के निर्देशन में एसडीओपी भरत दुबे, थाना प्रभारी बुढ़ार महेन्द्र सिंह चौहान, थाना प्रभारी अमलाई कलीराम परते, थाना प्रभारी धनपुरी रत्नाम्बर शुक्ल, उपनिरीक्षक विकास सिंह, सन्तूलाल धुर्वे, नन्दूलाल प्रजापति, सहायक उपनिरीक्षक विनोद तिवारी, वेद तिवारी, रोशनलाल पाण्डेय, गुलाम हुसैन, पी.सी. मिश्रा, प्रधान आरक्षक नवीन सिंह, आरक्षक गजेन्द्र सिंह, सतीश चौरसिया, शंकर प्रजापति, संदीप, शरद, अशोक, मो. जाहिद की भूमिका रही, पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरूष्कृत करने की घोषणा की।