ग्राम पंचायत बना भ्रष्टाचार का अखाड़ा

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1.  फर्जीवाड़े तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना का लिया लाभ                                                              अनूपपुर  /जनपद पंचायत अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बमनी में प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रता की श्रेणी में आने वाले हितग्राहियों को काटकर उप सरपंच संजय शुक्ला द्वारा फर्जी पीएम आईडी 56430 24 पुष्पा पति गिरीस शुक्ला जोकि वोटर आईडी क्रमांक एनएसटी 1560 903 है जिसमें नाम बदलकर पीएम आवाज योजना में पुष्पा शुक्ला पिता रामेश्वर मिश्रा फर्जीवाड़े तरीके से पीएम आवास योजना का लाभ लिया गया जबकि एक परिवार में एक ही आवास स्वीकृत होने के नियम हैं फिर भी उप सरपंच द्वारा पीएम आईडी में हेराफेरी कर प्रधानमंत्री योजना का अपने माता के नाम से स्वीकृत करा लेना भ्रष्टाचार का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है ऐसे ही मामले ग्राम पंचायत बम्हनी सरपंच के पति  गोरेलाल कोल जो कि इंदिरा आवास योजना से लाभान्वित हैं फिर भी अपनी नाबालिग अविवाहित पुत्र के नाम से आवास योजना का लाभ ले चुके हैं आखिर सवाल यह उठता है कि पंचायत के प्दाधिकारियों को ही यह सब भ्रष्टाचार करने का अधिकार प्राप्त है उक्त संबंध में ग्रामीणों द्वारा जांच पड़ताल हेतु ग्राम पंचायत बमनी में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कुछ मुख्य बिंदुओं पर सूचना का अधिकार अधिनियम लगाया गया था जोकि पंचायत सचिव द्वारा कार्यों कार्यों की जानकारी का ब्यौरा ग्रामीणों को नहीं दिया जाता है                                                        गुणवत्ता हीन चेक डैम निर्माण मैं लाखों की हेरा फेरी।                                                                 ग्राम पंचायत बम्हनी में स्वीकृत वर्ष 2020-21में चेकडेम सेमर घोना का गुणवत्ता विहीन तरीके से उसके स्वीकृत राशि के आधी राशि से चेक डैम का निर्माण पूरा कराया जा चुका है जबकि चेक डेम निर्माण को पूर्ण होने के बाद देखा जाए तो ग्राम पंचायत पूरी तरह से भ्रष्टाचार में महारत हासिल कर चुका है
3. ग्रेवल सड़क का अधूरा निर्माण कार्य ग्रामीणों की बनी समस्या।                                                            मटरू के घर से लेकर छटन नदी तक सड़क का निर्माण कार्य 2020 से कार्य किया जाना था लेकिन ग्राम पंचायत की लापरवाही के कारण आज तक आज तक उसमें मुरूम डालकर अधूरे में छोड़ दिया गया जिससे बरसात में होने वाली समस्याओं का ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली समस्याओं का सामना प्रतिदिन करना पड़ता है ग्रेवल मार्ग में मुरूम मिट्टी डालने के कारण पानी पढ़ते ही वह पूरा कीचड़ बन गया है जिसमें आवागमन कर पाना काफी मुस्किल हैं।
4. फर्जी बिलों की हेरा फेरी                                      सचिव और उपसरपंच द्वारा फर्जी बिल लगाकर लाखों का गोलमाल करते हैं और अगर बिल को पंचायत दर्पण के माध्यम से देखा जाए तो नाही उसमें दुकान का नाम और ना ही जीएसटी का ब्यौरा रहता है और बिल को इस प्रकार अपलोड किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति अगर उसे देखना चाहे तो स्पष्ट तरीके से दिखाई नहीं देगा।                                                                    5.  कार्यालय में कभी कभार रहते है पंचायत के पदाधिकारी।                                                    ग्रामीण जनों को पंचायत के होने वाले कार्यों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है चाहे वह छोटा सा कार्य क्यों ना हो या फिर बोला जाए तो समग्र आईडी में नाम सुधारने जैसी छोटी समस्या का भी निराकरण ग्रामीणों को नहीं मिलता अगर गलती से वहां के पदाधिकारी मिल भी जाए तो कार्य को विलंब करने में सरवर प्रॉब्लम जैसी समस्या बता कर पल्ला झाड़ लिया जाता है और ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्य के लिए पंचायत के चक्कर लगाने पड़ते हैं।                                       6. सड़क बना दलदल।                                                 एक तरफ स्वच्छता अभियान के तहत सभी ग्रामों में स्वच्छ भारत निर्मल भारत बनाने का   शासन द्वारा योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन ग्राम पंचायत बनी में ना तो सफाई नाही स्वच्छता देखा जा सकता है   ।  ऐसे मामले देखा जाए तो वार्ड नंबर 19 में ग्राम पंचायत से द्वारिका चौधरी के घर तक कच्ची सड़़क है और दोनों के बीच में आंगनबाड़ी केंद्र तथा उप स्वास्थ्यथ्य केंद्रद्र आवागमन का रास्ता है बरसाात में जब भी बारिश होती है तो वहांं की कच्ची सड़क दलदल का रूप ले लेती है और ग्रामीणों को आनेेे जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और साथ ही आंगनबाड़ी में छोटे-छोटे बच्चों को कीचड़ से होकर गुजारना पड़ता है पंचायत में ग्रामीणों ने सड़क को लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैंंं लेकिन पंचायत के अधिकारियों द्वारा एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया जाता है उक्त संबंध में सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत भी दर्जज कराई जा चुकी है लेकिन पंचायत केे अफसरों द्वारा किसी भी निराकरण नहीं किया जा सका हैै 

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