परिचितों की मदद के लिए बना फर्जी एडीजी @ सोहागपुर पुलिस ने धर-दबोचा ….शहडोल । सोहागपुर पुलिस ने श्यामडीह – खुर्द में रहने वाले एक ऐसे युवा को गिरफ्तार किया है जो फर्जी तौर पर खुद को एडीजी प्रशासन भोपाल बताकर लोगों के काम करवाया करता था, अपने किसी परिचित की शिकायत को गंभीरता से लेने के लिए उसने कुछ दिनों पहले सोहागपुर थाना प्रभारी को फोन किया था, प्रभारी ने उस मामले को तो गंभीरता से तो लिया लेकिन कथित फोन काल को लेकर उसके मन में संशय की स्थिति निर्मित हो गई, थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने उक्त काल वाले नंबर की जांच करवाई तो यह बात सामने आई कि यह नंबर किसी पुलिस अधिकारी का नहीं है, मामले की पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि श्यामडीह खुर्द में रहने वाले राकेश गौड़ पिता लच्छू सिंह अपने परिचितों के काम करवाने के लिए लंबे अरसे से इस तरह के फोन कॉल पुलिस अधिकारियों व अन्य विभागों में किया करता था। आदिवासी गांव श्यामडीह खुर्द में रहने वाले राकेश गौड़ नामक आदिवासी युवक ने यह चपलता कहां से पाई और उसके अंदर इस तरह फोन कॉल करने का साहस कहां से आया, यह मामला भी अपने आप में बड़ा रोचक है, दरअसल राकेश गौड़ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष स्वर्गीय मार्तंड सिंह के यहां काम करता था, बाद में वह यहां से उनके समधी साहब के यहां काम करने लगा जो पुलिस विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत है, घर में काम करते रहने के दौरान साहब अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वह अपने अधीनस्थ अधिक कर्मचारियों से किस तरह बात करते थे, इसका अंदाजा काम करते रहने के दौरान राकेश को हो गया, बाद में राकेश ने वहां काम तो छोड़ दिया, लेकिन उसे इस बात की जानकारी हो गई की, बात कैसे करनी चाहिए और किस तरह थोड़ी सी बात में ही अपने लोगों की मदद की जा सकती है, राकेश गोंड ने अपने ही मोबाइल नंबर से इस तरह के फोन कॉल करना शुरू किया, पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि राकेश ऐसे फोन कॉल किसी को धमकाने या फिर ब्लैक मेल की नियत से नहीं करता था, बल्कि उसकी नियत अपने परिचितों मित्रों की मदद करना रहती थी, जिसके लिए संबंधित अधिकारी को फोन करके खुद को एडीजी एमपी सिंह बताया करता था, बहरहाल थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह की चपलता के आगे फर्जी एडीजी एमपी सिंह उर्फ राकेश गौड़ की चपलता धरी की धरी रह गई , सोहागपुर थाने में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 417 419 और 170 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।ल

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(शुभम तिवारी)
शहडोल । सोहागपुर पुलिस ने श्यामडीह – खुर्द में रहने वाले एक ऐसे युवा को गिरफ्तार किया है जो फर्जी तौर पर खुद को एडीजी प्रशासन भोपाल बताकर लोगों के काम करवाया करता था, अपने किसी परिचित की शिकायत को गंभीरता से लेने के लिए उसने कुछ दिनों पहले सोहागपुर थाना प्रभारी को फोन किया था, प्रभारी ने उस मामले को तो गंभीरता से तो लिया लेकिन कथित फोन काल को लेकर उसके मन में संशय की स्थिति निर्मित हो गई, थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने उक्त काल वाले नंबर की जांच करवाई तो यह बात सामने आई कि यह नंबर किसी पुलिस अधिकारी का नहीं है,

मामले की पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि श्यामडीह खुर्द में रहने वाले राकेश गौड़ पिता लच्छू सिंह अपने परिचितों के काम करवाने के लिए लंबे अरसे से इस तरह के फोन कॉल पुलिस अधिकारियों व अन्य विभागों में किया करता था।

आदिवासी गांव श्यामडीह खुर्द में रहने वाले राकेश गौड़ नामक आदिवासी युवक ने यह चपलता कहां से पाई और उसके अंदर इस तरह फोन कॉल करने का साहस कहां से आया, यह मामला भी अपने आप में बड़ा रोचक है, दरअसल राकेश गौड़ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष स्वर्गीय मार्तंड सिंह के यहां काम करता था, बाद में वह यहां से उनके समधी साहब के यहां काम करने लगा जो पुलिस विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत है, घर में काम करते रहने के दौरान साहब अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वह अपने अधीनस्थ अधिक कर्मचारियों से किस तरह बात करते थे, इसका अंदाजा काम करते रहने के दौरान राकेश को हो गया,
बाद में राकेश ने वहां काम तो छोड़ दिया, लेकिन उसे इस बात की जानकारी हो गई की, बात कैसे करनी चाहिए और किस तरह थोड़ी सी बात में ही अपने लोगों की मदद की जा सकती है, राकेश गोंड ने अपने ही मोबाइल नंबर से इस तरह के फोन कॉल करना शुरू किया, पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि राकेश ऐसे फोन कॉल किसी को धमकाने या फिर ब्लैक मेल की नियत से नहीं करता था, बल्कि उसकी नियत अपने परिचितों मित्रों की मदद करना रहती थी, जिसके लिए संबंधित अधिकारी को फोन करके खुद को एडीजी एमपी सिंह बताया करता था,

बहरहाल थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह की चपलता के आगे फर्जी एडीजी एमपी सिंह उर्फ राकेश गौड़ की चपलता धरी की धरी रह गई , सोहागपुर थाने में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 417 419 और 170 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।

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