फर्जी डाॅ ने ली महीला की जान

दबोह के सालिंगपुरा गांव निवासी कोक सिंह जाटव ने बताया शनिवार रात मां लीलावती (46) पत्नी पत्नी रामदुलारे जाटव को बुखार आया। सुबह रिश्तेदार ने अटेर रोड बंबा किनारे वासुदेव नरवरिया के क्लीनिक पर ले जाने की सलाह दी। दोपहर 2 बजे के बाद वह पिता को साथ लेकर मां लीलावती को वासुदेव नरवरिया के क्लीनिक पर लाया। वहां क्लीनिक के सामने स्थित श्री गनेशपुरी पैथोलॉजी पर जांच कराने के लिए कहा गया। जांच रिपोर्ट वासुदेव नरवरिया को दिखाई तो उन्होंने टायफाइड होना बताया।

दबोह के सालिंगपुरा गांव में रहने वाली महिला को रात में बुखार आया। पति, बेटा इलाज के लिए उन्हें अटेर रोड स्थित फर्जी डॉक्टर के क्लीनिक पर ले गए। पैथोलॉजी पर महिला की जांच के बाद फर्जी डॉक्टर ने टीबी बताते हुए इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई। महिला को जेएएम अस्पताल लेकर आया। हालत में सुधार ने आने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। परिजन ने कोतवाली में शिकायत की है। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

बेटे का कहना हैं मां के लिए वासुदेव ने खांसी का सीरप लिखा। कुछ टेबलेट दी। एक इंजेक्शन कमर में लगाया। दूसरा इंजेक्शन हाथ की नस में लगाया। नस में लगे इंजेक्शन से मां को बेहोशी आ गई। वासुदेव नरवरिया ने दूसरी जगह ले जाने के लिए कहा। मां को बाइक से लेकर चले तो साथ में वासुदेव का कंपाउंडर आया।

जिला अस्पताल के डॉक्टर ने जैसे ही पत्नी को मृत बतायाए साथ आया वासुदेव का कंपाउंडर खिसक लिया। वहीं अटेर रोड पर फर्जी डॉक्टर वासुदेव नरवरिया की क्लीनिक भी बंद हो गया।

कोक सिंह का कहना है कि उन्होंने मां का किसी और डॉक्टर से इलाज नहीं करवाया। वासुदेव ने खांसी के लिए सिंडोरिल सीरप दिया। बाजार से कैप्सूल, टेबलेट लिखी, जिसमें टीबी के इलाज की टेबलेट फोरकॉक्स शामिल है। कंपाउंडर से 2 इंजेक्शन लगवाए। हमने शहर कोतवाली में वासुदेव नरवरिया की खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

 

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