लखनपुर पंचायत में एक व्यक्ति के खाते में 109 शौचालय निर्माण की राशि


पंचायत में लगे बिलों के जांच की उठ रही मांग


अनूपपुर। जहां सोच, वहां शौचालय, स्वच्छता अभियान के प्रयास के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिया गया यह नारा अब लोगों की सोच तो बदलने लगा है, लेकिन अधिकारियों की सोच में बदलाव नहीं आ पाया है। सरकार स्वच्छता अभियान के तहत देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए शौचालय निर्माण पर जोर दे रही हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण जिले में शौचालयों के निर्माण में गड़बड़ी के नित्य नए मामले उजागर हो रहे हैं। जिले के जैतहरी जनपद के लखनपुर में लगभग 109 शौचालय निर्माण की राषि एक ही व्यक्ति के खाते में डाली गई, मजे की बात तो यह है कि जिस व्यक्ति के खाते में यह राषि डाली गई, वह व्यक्ति 13 मार्च 2018 तक इसी पंचायत में चौकीदार बनकर काम कर रहा था।
एक के खातें में 109 शौचालय की राषि
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनवाने का कार्य जनपद में जोर-शोर से चल रहा है। पंचायत राज विभाग से लेकर विकास विभाग के अधिकारियों ने पिछले वर्ष शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा करने को लेकर एड़ी-चोटी के जोर लगा दिया था, कई पंचायतों में शौचालयों के निर्माण में गड़बड़ी की जांच पहले ही चल रही है। खबर है कि यहां पदस्थ सचिव देवनारायण शुक्ला ने उमेष पटेल के साथ मिलकर जमकर मलाई छानी है, जहां शौचालय निर्माण की राषि हितग्राहियों के खाते में जानी थी, वहां कथित सचिव द्वारा लगभग 109 शौचालय की राषि कथित वेण्डर के खाते में डाल दी। सूत्र बताते हैं कि उमेष पटेल और लखनपुर में पदस्थ रोजगार सहायक निरंजन पटेल रिष्तेदार है। पंचायत में तिकड़ी ने मिलकर जमकर मलाई लूटी।
नियमों को किया दरकिनार
ग्रामीणों को शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की धनराशि प्रस्तावित है। यह धनराशि जनपद के माध्यम से ग्राम पंचायत के बैंक खाते में दी जाती है। इसके बाद सचिव और सरपंच या तो लाभार्थी के बैंक खाते यह धनराशि सीधे स्थानांतरित कर सकते हैं अथवा लाभार्थी को खाते में जमा होने वाला चेकजारी कर सकता है। पंचायत अधिकारी व सरपंच और लाभार्थी के बीच कोई अन्य कड़ी नहीं होनी चाहिए। लेकिन लखनपुर में इन सभी कायदों को ताक पर रखकर एक व्यक्ति के खाते में लगभग 13 लाख 8 हजार रूपये की राषि डाल दी।
बैठकर होगी चर्चा
ऐसा नहीं है कि उक्त करानामंे के बारे में जनपद में बैठे अधिकारियांे को जानकारी नहीं है, लेकिन कथित सचिव द्वारा जनपद में भी प्रसाद बांट दिया गया है। जिससे अधिकारी कुछ भी कहने से पहले अपनी जेब को जरूर देख लेते है, पंचायत में लगे बिलों की अगर सूक्ष्मता से जांच हो जाये तो कथित कर्मचारी सहित कई वेण्डरों पर फर्जी बिल लगाने के मामले में पुलिस मंे भी मामला दर्ज करवाया जा सकता है, सूत्रों का कहना है कि अगर निष्पक्ष रूप से जांच हो जाये तो लखनपुर पंचायत में वर्षाे से कैद भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आ सकता है। इस संबंध में सचिव का कहना है कि आप आ जाईये बैठकर बात करते है।