संविधान एवं नागरिक सत्याग्रह पर चर्चा
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अनूपपुर। सोमवार को खम्मरिया में आयोजित राजीव गांधी पंचायती राज संगठन का जिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य एनआरसी, सीएए तथा एनपीआर का पुरजोर विरोध करना रहा है। कार्यक्रम में पंचायती राज संघटन मध्य प्रदेश के प्रभारी जितेंद्र कंसानाख्, संभाग के प्रभारी अमित गुप्ता, जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ङ्क्षसह, सैयद अली, करण सिंह सहित अन्य सदस्य व ग्रामवासी मौजूद रहे। चर्चा के दौरान कहा गया कि अगर सीएए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस यानी एनआरसी के साथ लागू किया तब क्या होगा, सीएए में 31 दिसंबर, 2014 की मियाद तय की गई है। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह धार्मिक समूहों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसियों को शामिल किया गया है। वास्तव में यह पक्षपातपूर्ण एवं असंवैधानिक है। आखिर इसमें इन तीन देशों को ही क्यों शामिल किया गया और श्रीलंका, म्यांमार, भूटान को क्यों छोडा गया, फिर इन तीन देशों के मुस्लिम नागरिकों को बाहर क्यों रखा गया। चयन का ऐसा पैमाना समझ से परे है।
भारत को विभाजित करने वाली योजना
पंचायती राज संघटन के जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ङ्क्षसह ने कहा कि एनआरसी भारत को विभाजित करने वाली भयावह और शातिर योजना है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को भारत का नागरिक होने के सबूत देने होंगे। उदार लोकतंत्रों में यही व्यवस्था है कि नागरिकता पर संदेह की स्थिति में उसकी जांच राज्य का दायित्व है। इसके उलट एनआरसी में यह संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी। देश में अधिकांश लोग बेहद गरीब और कमजोर तबके के लोग हैं, कोई नहीं जानता कि उनका क्या भविष्य होगा।