अनिश्चितकालीन हड़ताल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं परियोजना अधिकारी हड़ताल पर सौंपा ज्ञापन 

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आकाश गुप्ता रिपोर्टर 

अनुपपूर :- 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संयुक्त मोर्चा के समस्त पदाधिकारियों ने सरकार के सामने अपनी हजारों की संख्या में उपस्थिति देकर ताकत दिखाएं, मांगे नहीं माने जाने पर और उग्र से उग्र आंदोलन होने की दी चेतावनी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के द्वारा बताया गया की वेतन विसंगति, नियमितीकरण की मांग को लेकर 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों ने 27 मार्च को लगभग दो हजार लोगो ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा कर शासन से मांगों को मानने की बात दोहराई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2007 से 2010 के बीच व्यापम परीक्षा से संविदा पर्यवेक्षक की नियुक्ति नियमित पदों के खिलाफ की थी। उसके बाद विभाग में संविदा पर्यवेक्षक की नियुक्ति बंद कर दी थी और 2014 से नियमित पदों पर लगातार भर्ती की जा रही है। प्रदेश में शेष बचे संविदा पर्यवेक्षओं को नियमित किया जाए। यह सभी व्यापम परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और 10 वर्षों से अधिक का इनके पास कार्य अनुभव है। संविदा पर्यवेक्षकों को संविदा नियुक्ति से ही नियमित वेतन और अन्य लाभ नियमित पर्यवेक्षकों की तरह दिया जाए। पर्यवेक्षकों को नियमित प्रमोशन करके परियोजना अधिकारी के रिक्त पद भरे जाएं।

30 वर्षों से अनेक पर्यवेक्षक एक ही पद पर हैं। पर्यवेक्षकों को सेवाकाल में कम से कम 3 प्रमोशन देने की बात कहीं हैं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका की मांग उन्होंने कहा कि भारत सरकार से समन्वय कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायकों को नियमित कर उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए।


आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति होने पर 5 लाख मिनी कार्यकर्ताओं को 3 लाख और सहायिका को 2 लाख प्रोत्साहन राशि और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेवानिवृत्त होने पर गुजरात राज्य की तरह ग्रेजुएटी का लाभ देने,पद पर कार्यरत होने के दौरान मृत्यु के बाद परिवार वाले को अनुकंपा नियुक्ति देने एवं पूर्व में घोषित शासन से 1500 रुपए अतिरिक्त मानदेय तत्काल देने की मांग की हैं।

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