अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा टांकी नाला

संभागीय मुख्यालय में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे नाले

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। कमलनाथ सरकार का माफिया के खिलाफ छेड़ी गई कार्यवाही शहडोल में सिर्फ खनिज विभाग तक सिकुड़ चुकी है, इन्दौर और अन्य जिलों में भले ही भू-माफियाओं पर नकेल कसी गई हो, लेकिन यहां प्रशासन पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है, नजूल व नालों की भूमि पर कब्जे की जांच में आरोप सिद्ध होने के साथ ही शिकायतों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है, कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी राजस्व अमला भू-माफिया के सामने ढेर हो चुका है, चाहे वह स्वास्तिक ग्रीन वैली का हो या जयसिंहनगर मुख्यालय के बस स्टैण्ड में भाजपा नेता द्वारा किये गये अतिक्रमण का हो या फिर मुख्यालय से सटे टांकी नाला का ही हो।
ठण्डे बस्ते में शिकायत
संभागीय मुख्यालय से सटे ग्राम जमुआ निवासी एवं लोकतंत्र सेनानी कपूर चंद कटारे ने कलेक्टर को शिकायत देते हुए बताया कि वह ग्राम जमुआ का पुस्तैनी कृषक एवं व्यवसायिक परिवार का सदस्य है। ग्राम जमुआ के दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में गोरतरा एवं बलपुरवा ग्रामों का सीमा नाला है, जो टांकी नाला के नाम से जाना जाता है। इसी टांकी नाला के आधार पर तीनों ग्रामों की सन् 1971-72 एवं सर्वे के समय राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा चांदा पत्थर गड़ाये गये थे। चांदा पत्थर तीनों ग्रामों के भूमि स्वामियों की भूमि के क्षेत्रफल मापन के आधार है, साथ ही आज वर्तमान में इन चांदा पत्थरों की सत्यता का निर्धारण इसी टांकी नाला से नापकर किया जाता है।
टांकी नाले की हुई पटाई
शिकायकर्ता ने बताया कि टांकी नाला को ग्राम जमुआ एवं गोरतरा की भूमि स्वामी श्रीमती गायत्री सिन्हा पत्नी रमेश चन्द्र सिन्हा के ज्येष्ठ पुत्र अमित द्वारा 18 नवम्बर को पूरे दिन जेसीबी मशीनों से नाला पटाई कर उसका अस्तित्व समाप्त कर दिया गया है, जिससे तीनों ग्रामों की भूमि का सीमांकन भविष्य में संभव न हो पायेगा।
जांच की मांग
लोकतंत्र सेनानी श्री कटारे ने कलेक्टर से मांग की है कि तत्काल राजस्व अधिकारियों सहित संबंधित क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों को इस नाले की जांच करा कर उक्त नाले को अतिक्रमण मुक्त कराया जाये, वहीं शिकायतकर्ता ने कहा कि अगर समय रहते इस नाले का अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो, यह भी सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जायेगा।

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