आमाडाड़ के पंचायत दर्पण में धुंधले बिल दिखा सचिव करते हैं फर्जी भुगतान
200000 तक का बिल लगाते हैं धुंधला जनता के नजरों पर धूल झोंक कर सचिव सरपंच मिलकर अपने झोली को भरने में लगे हुए हैं
आकाश गुप्ता रिपोर्टर
अनुपपूर :-जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत आमाडांड में होने वाला भ्रष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा है, फर्जी बिलों के भुगतान की जानकारी अधिकारियों को होने के बाद भी मुंह फेर लेना कहीं न कहीं कमीशन के दायरे में रखता है। पंचायतों में सामग्री भुगतान व कार्य को पंचायत दर्पण एप पर दर्शाया जाता है, लेकिन सचिवों के द्वारा कारनामों को छिपाने बिलो की स्कैनिंग धुंधला कर भ्रष्टाचार किया जाता है।
भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास
जिले के जनपद पंचायत अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत आमाडाड़ मे पंचायत दर्पण के बिल को पूरी तरह धुंधला देखा गया है, कोई भी पंचायत दर्पण के बिलों का अनुमान नहीं लगा सकता है। सचिव जानबूझ कर धुंधला बिल लगाते है. जिससे किस फर्म में किस सामग्री का बिल लगा है पता न चल पाये। सूत्रों की माने तो ग्रामवासी अगर सचिव से पूछते हैं कि किस सामग्री का बिल लगा है तो सचिव जवाब देते है नेट से निकाल लीजिये। जब पंचायत दर्पण पर लोग देखने पहुंचते है तो वहां बिल ही धुंधला मिलता है, कुल मिलाकर भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह खेल खेला जाता है।
आला अधिकारी मौन क्यों ?
प्रशासन को चुनौती देते हुये ग्राम पंचायत आमाडांड के सचिव धुंधला बिल लगाते हैं। धुंधले बिल से यह जाहिर नहीं हो पाता है कि बिल सही लगा है या गलता आखिर उपर बैठे उच्चाधिकारी इसको रोक क्यों नहीं पा रहे हैं, यह भी एक बडा सवाल उठता है कि कहीं उच्चाधिकारियों की रजामंदी से यह सब तो नहीं हो रहा है, शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं। उपर बैठे अधिकारी सचिव के काले कारनामों या धुंधले बिल की कभी जांच तक नहीं करते है।कुलमिलाकर कार्यवाही न होना अधिकारियों के कमीशन की तरफ इशारा करता है।