इस चैत्र नवरात्र बंद रहेंगे मंदिरो के पट। कोरोना प्रभाव के चलते घरों में होगी पूजा
(संजय रजक -जैतपुर)
शहडोल .दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ता नजर आ रहा है।एक तरफ देश व्यापी लॉक डाउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है।जिसके चलते देश भर के शक्तिपीटो के कपाट बंद कर दिए हैं।कोरोना के प्रभाव व इससे सुरक्षा के लिए इस बार चैत्र नवरात्र पर्व में शहडोल संभाग के बिरासनी माता बिरसिंहपुर पाली,उचेहरा धाम मंदिर नोरोजबाद,भाटिया माता मंदिर रसमोहनी, कंकाली मंदिर अंतरा,बूढ़ी माता मंदिर शहडोल पाली रोड, ज्वालामुखी मंदिर धनपुरी सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में चैत्र नवरात्र की ज्योत नहीं जलाई जाएगी। पहली बार ऐसा होगा जब मन्दिर में चैत्र नवरात्र में ज्योति प्रज्वलित नहीं होगी। कोरोना प्रभाव के कारण मन्दिर भी बन्द किए गए हैं। हालांकि पूरे 9 दिनों तक परम्परानुसार पूजा पाठ मन्दिर के पुजारी ही करेंगे। ज्योत प्रज्वलन के लिए काटी गई सभी रसीदों की ज्योति कलश आगामी नवरात्र में प्रज्ज्वलित की जाएगी।
उचेहरा धाम मन्दिर प्रबंधन ने कहा कि इस बार नवरात्र पर्व पर करीब 21 लोगों ने घी और करीब 51 लोगों ने तेल के ज्योत प्रज्वलन के लिए रसीद कटवाई है। अब इतनी संख्या में ज्योति जलाने की बजाए एक घी व एक तेल की ज्योति जलाने का निर्णय लिया गया है। ज्योति की रसीद नवरात्र के पहले दिन तक मन्दिर समिति द्वारा काटी जाती है। हर बार के मुकाबले इस बार रसीद भी कम ही कटवाई गई है। उचेहरा मन्दिर के पुजारी बड़े महाराज ने सूचना भी जारी कर दी है। सूचना के ज़रिए कहा गया है कि सुरक्षा व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मन्दिर प्रबंधन द्वारा आगामी आदेश तक मंदिर बन्द रखने का निर्णय लिया गया है। ज्योत प्रज्वलन के लिए काटी गई सभी रसीदों की ज्योति कलश आगामी नवरात्र में प्रज्वलित की जाएगी। इस नवरात्र में सभी की खुशहाली व स्वास्थ्य के लिए तेल व घी की एक-एक ज्योति प्रज्वलित की जाएगी।
केवल पुजारी ही माता की पूजा करेंगे
चैत्र-नवरात्र पर मां उचेहरा धाम, बूढ़ी देवी मंदिरं ज्योति कलश प्रज्जवलित नहीं किए जाएंगे। मंदिर में मात्र 2 ज्योत माता के समक्ष प्रज्ज्वलित की जाएगी। इसकी पूजा मंदिर के पंडित करेंगे। सुबह पूजा पाठ कर पट बंद कर दिए जाएंगे ।शाम को भी आरती कर पट बंद कर दिए जाएंगे।नवरात्र के सभी कार्यक्रम निरस्त किए गए हैं। निर्णय मंदिर समिति ने लिया।
घरों में जलेगी ज्योत
कॅरोना संक्रमण ने मंदिरो के पट तो बंद करा दिए हैं लेकिन श्रद्धा के द्वार घरों में खुले के खुले हैं लिहाजा घर परिवार में श्रद्धालुओं ने घरों के पूजा स्थलों की साफ सफाई कर घर आँगन को लिप कर मंदिरो की भांति सजाया जा रहा है। घर पर ही व्रत रह कर सुबह शाम पूजा पाठ कर माता की आरती की जाएगी।जहा माताओ बहनो के घर के लोगो का सहयोग भी मिलेगा।