उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जारी किये कड़े निर्देश : रंजन गोगोई

दिल्ली: बता दें कि पीड़िता के परिवार ने भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने नाम एक खत लिखा था, और आज जब पीड़िता के वकील ने मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई से उन्नाव दुष्कर्म और सड़क हादसे के मामले को सुनने की अपील की तो न्यायाधीष ने केस को संज्ञान में लेते हुए और आज ही 12 बजे का समय दिया तथा सीबीआई अधिकारीयों को भी 12 बजे कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। हालांकि अदालत ने कहा है कि असाधारण परिस्थितियों में जांच एजेंसी और समय की मांग कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया , पीड़िता के परिजन चाहें तो इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती किया जाए, तथा पीड़िता और वकील के परिवार को तत्काल प्रभाव से सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का भी आदेश दिया गया है । अदालत ने पीड़िता और उसके वकील की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एम्स से पूछा कि क्या पीड़िता और उसके वकील को एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है? सीजेआई रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि आपको उन्नाव बलात्कार पीड़िता और अन्य के सड़क हादसे मामले की जांच के लिए कितने समय की जरूरत है? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा एक महीना। इसके जवाब में सीजेाई ने कहा, ‘एक महीना? नहीं सात दिन में मामले की जांच करें।’ सीजेआई ने पूछा, ‘पीड़िता की हालत कैसी है? इसपर मेहता ने उन्हें बताया कि वह वेंटीलेटर पर है।इसके बाद सीजेआई ने कहा, क्या वह ट्रांसफर करने की हालत में है। क्या उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है। हम इसके बारे में एम्स से पूछेंगे। हम दोपहर दो बजे वापस आएंगे और सभी पांच मामलों को ट्रांसफर करने और पीड़िता और वकील को दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर आदेश देंगे। डॉक्टर बेहतर जज होते हैं। वह इस बात का फैसले लेंगे कि पीड़िता और उसके वकील को दिल्ली एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं।’
सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव कांड पर दिनभर में तीन बार हुई सुनवाई
सीजेआई को लिखा उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का पत्र देरी से मिलने पर उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी जताई की थी। सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने बुधवार को मामले में स्वतरू संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट भी मांगी कि आखिर पत्र को हम तक पहुंचने में देरी क्यों हुई? जस्टिस गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी मंगलवार दोपहर तक उनके सामने क्यों पेश नहीं की गई?
सीजेआई रंजन गोगोई का उन्नाव रेप और हत्या काण्ड लेकर सख्त आदेश!
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप और हत्या काण्ड के मामले में प्रभावी और सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि उन्नाव बलात्कार मामले के मुकदमे की सुनवाई 45 दिन में पूरी की जाए, कार को ट्रक के टक्कर मारने की घटना की जांच सीबीआई द्वारा सात दिन में पूरी की जाए, अदालत ने कहा कि पीड़िता और वकील के परिजन चाहें तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। वहीँ कोर्ट ने लखनऊ में अस्पताल के डॉक्टरों से पीड़िता की रिपोर्ट भी मांगी और पूछा कि क्या पीड़िता को एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है।
इससे पहले मामले पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने सीबाआई के जिम्मेदार अधिकारी को पहले दोपहर 12 बजे अदालत में पेश होने के लिए कहा था। इस आदेश के बाद सीबीआई के संयुक्त निदेशक संपत मीणा अदालत में पेश हुए जिससे पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत को लेकर सख्त सवाल पूछे गए। उनसे पूछा गया कि 28 जुलाई को सड़क हादसे का शिकार हुई पीड़िता का अब स्वास्थ्य कैसा है और क्या उसे दिल्ली स्थानांतरित किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर (भाजपा से आज निष्काषित हुए) के जुल्मों का शिकार हुयी दुष्कर्म पीड़िता और उसके पूरे परिवार को न्याय दिलाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद-विधानसभा से लेकर सडकों पर जो मुहीम छेड़ी थी, न्याय की उस मुहीम को अब देश की सर्वोच्च न्यालय का भी साथ मिल गया है।