एसडीओपी और टीआई के सरंक्षण में गुलजार हो रही थी जुए की फड@कप्तान की टीम ने मारा छापा

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कप्तान की टीम ने मारा छापा, 6 गिरफ्तार, नगदी सहित बाइक बरामद
उमरिया। जिले के कोयलांचल में पडने वाले पाली थाना क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से अलग-अलग स्थानों पर जुए की फड संचालित हो रही थी, खबर है कि जुए का यह अवैध कारोबार एसडीओपी अरविन्द तिवारी और नगर निरीक्षक राजकुमार धारिया के संरक्षण में संचालित हो रहा था, महीने में जुआ फड के संचालकों से लाखों रूपए लेकर उन्हे अनुमति दी गई थी, बुधवार की देर शाम एसपी की स्पेशल टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए जुआरियों को नगदी सहित गिरफ्तार किया है वही फड संचालक मौके से फरार होने में सफल हो गये।
दबिश में पकडाये जुआरी
बताया गया है कि बुधवार की देर शाम की गई कार्यवाही में जुए की फड मकोडे पेट्रोल पंप रामपुर के पीछे जंगल में जुए की महफिल गुलजार थी, जहां पर स्पेशल टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, 8-9 बाइक सहित नगदी भी बरामद की गई है। खबर मिलने तक गिरफ्तर में आये लोगों में राजू शिवहरे निवासी पाली और शहडोल जिले के जैतपुर वन विभाग में बीट गार्ड के पद पर पदस्थ अरूण तिवारी के नाम ही सामने आ पाये थे। महफिल को गुलजार कराने वाले मौके से फरार होने मे सफल रहे।
ये संचालित करा रहे थे फड
जुए की फड का संचालन एसडीओपी अरविन्द तिवारी और टीआई राजकुमार धारिया के संरक्षण में विजय जायसवाल, चंदन विश्वकर्मा, गोरे विश्वकर्मा, लकी सतिपाल, सोनू उपाध्याय के द्वारा संचालित कराया जा रहा था। जुए की फड में शराब और कवाब का भी इंतजाम किया जाता था। बावन परी के शौकीन अपनी किस्मत आजमाने के लिए पाली, नौरोजाबाद, करकेली के अलावा शहडोल जिला मुख्यालय, बुढार, धनपुरी से यहां पर पहुंचते थे। फड संचालक मौके से फरार होने में सफल रहे।
नही सुधरे धारिया
जिले के नौरोजाबाद थाने में बतौर प्रभारी पदस्थ रहने के दौरान राजकुमार धारिया को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने इसलिए लाइन हाजिर किया था कि थाने से चंद कदमों की दूरी पर ही गांजे का अवैध कारोबार हो रहा था, जिसमें उनकी संलिप्तता थी, जिसके बाद प्रभारी ने अपनी पदस्थापना शहडोल जिले के लिए करा ली, जहां पर बुढार थाने में इनकी पदस्थापना के दौरान जुए और नशे का कारोबार चरम पर रहा, इसके अलावा जिले से ले जाये गये कटरो के माध्यम से रेत के वाहनो से अवैध वसूली के चलते शहडोल के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाहा ने इनकी पदस्थापना जयसिंहनगर कर दी थी, लेकिन जैसे ही कथित प्रभारी को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के तबादले की भनक लगी तो फिर से जुगाड लगाकर अपनी पदस्थापना उमरिया में कराते हुए पाली में पदस्थ हो गये, पाली में इससे पहले कभी भी जुए का अवैध कारोबार संचालित नही हुआ, खबर तो यह भी है कि प्रभारी के संरक्षरण में ब्याज का अवैध कारोबार, वाहनो से अवैध वसूली, शराब की पैकारी, नशे के कारोबार संचालित हो रहे है, शहडोल पुलिस ने जिस्मफरोसी का भी एक मामले से पर्दा हटाया था, जिसमें पाली कनेक्शन भी सामने आया था। शायद राजकुमार झारिया गांधी के फेर में यह भूल गये है कि उन्होने वर्दी पहनने के समय देश भक्ति जन सेवा की शपथ ली थी। देखना यह होगा कि मौजूदा पुलिस अधीक्षक ऐसे भ्रष्ट थाना प्रभारी पर क्या कदम उठाते है, जिसने वर्दी के दामन में दाग लगाने में कोई कसर नही छोडी। वही यह भी है कि एसडीओपी अरविन्द तिवारी का दोबार तबादला हो चुका है, लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने को 6 माह बचे हुए है, इसलिए उन्होने भी खुली दुकान पूरे अनुविभाग में खोल रखी है और वह उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे पर है। एसडीओपी के मामले में उप पुलिस महानिदेश और अतिरिक्त पुलिस महानिदेश शहडोल रेंज को कार्यवाही करनी होगी तभी अनुविभाग में सब कुछ सही चल सकेगा।

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