ऑपरेशन कराने के लिए दर-दर भटक रहा खाताधारक @ बैंक अधिकारी मांग रहे रिश्वत

ऑपरेशन कराने के लिए दर-दर भटक रहा खाताधारक
बैंक अधिकारी मांग रहे रिश्वत
बुढ़ार । देश के मुखिया भले ही भ्रष्टाचार मुक्त देश बनानें की दिशा में काम कर रहे हों लेकिन आये दिन ऐसी खबरें सामने आ ही जाती है। ताजा मामला जिले के भारतीय स्टेट बैंक बुढ़ार का है जहां इस बैंक से 25 वर्षों से जुड़े एक खाताधारक व्यवसायी नें बैंक मैनेजर व फील्ड ऑफिसर पर गंभीर आरोप लगाते हुये पूरे मामले की शिकायत अनिविभागीय अधिकारी (पुलिस) से कर जांच करनें व न्याय दिलानें की मांग की है। खास बात तो यह है कि इसके पहले भी भारतीय स्टेट बैंक अपनी विवादित कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियों में रहते है।
पहले भी लगे हैं आरोप
बीते कुछ माह पहले ही बुढ़ार के भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एक हितग्राही को ऋण उपलब्ध कराकर डीओ आर्डर रिलीज करनें के उपरांत भुगतान ना करनें को लेकर व्यापारी संजय बुनकर द्वारा पीएमओ से लेकर जिले के आला- अधिकारियों को शिकायत की गई थी जिसके बाद उक्त व्यापारी से मिलकर मैनेजर द्वारा जल्द ही पूरे मामले का निपटारा करनें का आवश्वासन देकर शिकायत वापस करा लिया गया। लेकिन लंबे समय बाद भी जब व्यापारी को लाखों का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो मामले की शिकायत व्यापारी द्वारा पुलिस में की गई जिसके बाद भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक बलवंत नेगी और फील्ड ऑफीसर अनिरुद्ध कोरी पर धोखाधड़ी जैसे मामले में पुलिस नें गिरफ्तार किया इतना ही नहीं उक्त दोनों बैंक कर्मी माननीय उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त कर सेवारत है। वहीं उक्त व्यापारी आज भी अपनें लाखों रुपये आदायगी के लिये भटक रहा है।
ये है पूरा मामला
इस पूरे मामले को बीते अभी कुछ ही माह हुए हैं कि इस बैंक के अधिकारी पर एक व्यापारी नें 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगनें और जबरन परेशान करनें का गंभीर आरोप लगाते हुये मामले की शिकायत की है।कोयलानगरी के बुढ़ार में हिंद फर्नीचर मार्ट के संचालक मोहम्मद इस्तियाक नें लिखित शिकायत करते हुये बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से भारतीय स्टेट बैंक शाखा बुढ़ार के खाता धारक हैं, उनके द्वारा अपनें व्यवसाय के लिये बैंक से 20 लाख रुपये की सीसी लिमिट भी ली गई है, इसके साथ ही उनके पुत्र द्वारा हिंद टीवी शो रुम का संचालित है जिसका खाता भी उक्त बैंक में हैं एवं उनके व्यवसाय के लिये भी 10 लाख रुपये की सीसी लिमिट बनी है।व्यवसायी मो. इस्तियाक नें बताया कि उनकी सीसी लिमिट के लिये बैंक द्वारा उनके पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड लाखों रुपये की भूमि का रजिस्ट्री व मूल दस्तावेज बैंक में रखे गये थे, जिसे बैंक अधिकारियों द्वारा अब तक वापस नहीं किया गया ।बात तो यह है कि उक्त दोनों व्यवसायी कभी बैंक राशि की आदायगी में पीछे नहीं रहे। मो इस्तयाक नें बताया कि उनके व उनके पुत्र के संस्थानों के खाते में कभी भी ओवरडव्यू नहीं हुआ बावजूद इसके उनके खाते को होल्ड कर उनके खाते के लेन देन पर रोक लगा दिया गया। ऑपरेशन के लिए पैसों की अति आवश्यकता होने के कारण जब इस संबंध में बैंक अधिकारियों से संपर्क किया तो उनसे 50 हजार रुपये कि रिश्वत की मांग की गई।
गंभीर बीमारी से पीडि़त है खाताधारक
व्यापारी नें बताया कि वह गंभीर बीमारी का ईलाज करा रहा है लेकिन उसकी परेशानी को अनदेखा कर बैंक अधिकारियों द्वारा जबरन उसे मानसिक रुप से प्रताडि़त किया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में उसके खाते का संचालन ना होनें से वह व्यक्तिगत व व्यवसायिक कार्य नहीं कर पा रहा है। पूरे मामले कि शिकायत व्यापारी द्वारा एसडीओपी बुढ़ार से कर जांच कर कार्यवाही की मांग की है।वहीं खास बात यह भी है कि यदि लंबे अर्से से बैंक से जुडे हुये एक प्रतिष्ठित व्यापारी के साथ बैंक अधिकारियों के कार्य व्यवहार इस तरह का है तो अन्य खाता धारकों की स्थिति का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।