कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने नहीं दी सूचना
कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने नहीं दी सूचना
मामला पहुंचा राज्य सूचना आयोग, आज होगी सुनवाई
अनूपपुर। रामनगर काॅलरी कलेक्टर कार्यालय अनूपपुर के लोक सूचना अधिकारी के द्वारा आवेदक के आवेदन पर किसी प्रकार की कार्यवाही ना करने से अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के तहत् कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत किया था, परंतु प्रथम अपील पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई मसलन लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा आवेदक के आवेदन पर और प्रस्तुत प्रथम अपील पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न किए जाने से मामला राज्य सूचना आयोग में पहुंचा, मामले की सुनवाई आज राज्य सूचना आयोग भोपाल में होगी ,सवाल यह उठता है कि जब कलेक्टर कार्यालय के ही लोक सूचना अधिकारी के द्वारा सूचना नहीं दी जा रही और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा प्रथम अपील पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही तो ऐसी स्थिति में पूरे जिले में सूचना का अधिकार अधिनियम की किस तरह धज्जियां उड़ रही होंगी, इस बात का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है।
यह था मामला
अनूपपुर जिले से छत्तीसगढ़ सीमा तक राष्ट्रीय राज्यमार्ग के चैड़ीकरण बावत् छत्तीसगढ़ सीमा से लगभग 4 किलोमीटर पहले म.प्र. की सीमा पर कार्य दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा था। ज्ञात हो कि जिस का निर्माण कार्यध्सड़क का चैड़ीकरण किया जा रहा था वह सड़क कोयला धारक क्षेत्र(अर्जन और विकास) अधिनियम 1957 के तहत् कोल ब्लाॅक हेतु भारत सरकार द्वारा 24 जुलाई 2015 को अधिसूचना जारी गई है। इस सड़क के नीचे लाखों टन कोयला है जिसका मूल्य अरबों-खरबों में है और सड़क के निर्माणध्चैड़ीकरण में भी करोड़ो का व्यय होना था।
साथ ही सड़क के चैड़ीकरण किये जाने से एसईसीएल कोल इंडिया द्वारा पूर्व में विस्थापन किये गये विस्थापित भी प्रभावित होगें,इस प्रकार से सड़क का चैड़ीकरण किसी भी स्थिति में देष हित एवं क्षेत्र के हित में नहीं था, सड़क के चैड़ीकरण में करोड़ो की राषि व्यय हुई, वहीं दूसरी तरफ अरबों-खरबों का कोयला जमीन के नीचे ही दफन हो जायेगा।
इसी विषय को लेकर कोयलांचल क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील कुमार चैरसिया ने कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की थी ,चैरसिया ने निर्माणाधीन कार्य पर रोक लगाते हुए मध्य प्रदेश शासन एवं कोल इंडिया के द्वारा संयुक्त सर्वे कराकर जिन स्थानों से पूर्व में कोल इंडिया के द्वारा कोयले की निकासी की जा चुकी है उन स्थानों से होते हुए सड़क का निर्माण/डायवरसन करते हुए छ.ग. सीमा से जोडने की मांग की थी।
आरटीआई के तहत् मांगी थी जानकारियां
कलेक्टर अनुपपुर को पत्र लिखने के बाद जब पत्र पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इस पत्र पर क्या कार्रवाई की गई है इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता श्री चैरसिया के द्वारा कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से सूचना मांगी, परंतु आवेदन पर कार्यवाही नहीं की गई और जब आवेदक के द्वारा प्रथम अपील की गई तो प्रथम अपील पर भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा नहीं की गई ,अंततः यह मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा और आज आयोग में इस मामले की सुनवाई है। की कार्यवाही की मांग
समय सीमा के अंतर्गत आवेदन पर कार्रवाई नहीं किए जाने और प्रथम अपील पर सुनवाई ना किए जाने की स्थिति में आवेदक ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 18 के तहत शास्ति अधिरोपित करने एवं अन्य कार्यवाही करने की मांग की है।