कृषि भूमि पर बसाई जा रही अवैध कालोनी ग्राम पंचायत चचाई अंतर्गत गांधीनगर के बगहिया बांध का मामला
(Satish tiwari)
ब्योहारी । जहाँ एक ओर मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा चलाए जा रहे भू-माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त कार्यवाही हेतु अभियान शुरू है, वही दूसरी ओर शहडोल जिलान्तर्गत देवलोंद के समीप ग्राम पंचायत चचाई के गाँधी नगर में इसका असर बेअसर होता दिखाई पड़ रहा है और खुलेआम प्रदेश के मुखिया के जारी आदेश को ताक में रखते हुए भू- माफियाओं द्वारा खुली चुनौती भी दी जा रही है, यहाँ के बागहिया बाँध में भू-माफियाओं द्वारा विवादित लगभग 15 एकड़ कृषि भूमि में बसाई जा रही अवैध कॉलोनी जो कि बिना डायवर्सन, सीमांकन व बिना एसडीएम कार्यालय के एनओसी लिए बगैर खसरा नम्बर 194/697 की चर्चा अब पूरे जिले में धीरे-धीरे आग की तरह फैलती हुई बढ़ रही है।
धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग
भूमाफियाओं द्वारा कृषि योग्य भूमि में कॉलोनाइजर सिस्टम के नियमों का बिल्कुल पालन न करके बल्कि उसका उल्लंघन करते हुए वर्गफुट की प्लाटिंग करके ग्राहकों को बेचते समय डिसमिल के हिसाब से लगभग 150 के आसपास प्लाटों की रजिस्ट्री करवाया जा चुका है और अभी भी बचें हुए आवासीय प्लाट धड़ल्ले से बेचा जा रहा है जबकि यह बागहिया बाँध में अभी भी पारिवारिक विवाद चल रहा है, वही दूसरी ओर खुलेआम प्रशासन को अंधेरे में रखकर वर्गफुट की प्लाटिंग की डिसमिल में रजिस्ट्री कराकर शासन को लाखों के राजस्व का चुना भी लगाया जा रहा है।
लोग हो रहे धोखाधड़ी के शिकार
साथ ही बगल से निकले पुराने नाले को भी पाटकर भू-माफियाओं द्वारा उसको भी कब्जे में लेकर खुलेआम धड़ल्ले से प्लाटिंग कर आवासीय प्लाट बेचा जा रहा है, इसके वाबजूद भी कार्यवाही के नाम पर जिम्मेदार अफसर बस अभी भी खानापूर्ति कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भू-माफिया तेजी से अपने काम को बढ़ाकर प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है यदि प्रशासन द्वारा जाँच दल बनाकर नियमानुसार सभी बिंदुओं पर जांच करवा लिया गया तो पूरी कहानी इन भू-माफियाओं की सामने होगी, तभी प्रदेश के मुखिया का भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हेतु आदेश का सही तरीके से पालन होगा जिससे बहुत सारे भोले-भाले गरीब एवं नासमझ व्यक्ति अपने पसीने से कमाई पूंजी को इस विवादित जमीन में फंसाकर धोखाधड़ी के शिकार भी हो चुके है। जिसकी अब स्थानीय लोगों द्वारा इस अवैध प्लाटिंग में उलझे लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर से जांच कराकर कार्यवाही की माँग की गई है।