कोरोना के बीच सरपंच की करतूत उजागर
भ्रष्टाचार का मामला खुले के डर से तमतमाये जनप्रतिनिधि
(अमित दुबे+8818814739)
उमरिया। जिले की मानपुर जनपद पंचायत पूर्व में भी भ्रष्टाचार के लिए प्रदेश में शुमार रही है, वहीं दूसरी ओर कोरोना वॉयरस के दौरान में भी जिम्मेदार अपनी मनमानी करने से नहीं चूक रहे है, कुछ दबंग सरपंच द्वारा शासन-प्रशासन की मंशा पर खुलेआम पानी फेरा जा रहा है, बावजूद इसके जिम्मेदार खुद को क्वारंटीन हुए हैं, गरीब मजदूरों को मिलने वाले काम में भी फर्जी हाजरी का खेल शुरू हो चुका है और इस दौर में भी ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों की लालच अब चरम सीमा पार कर चुकी है।
प्रशासन की मंशा पर फिर रहा पानी
जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत ताला शांति मोहल्ला में मनरेगा मद से निर्माणाधीन तालाब के कार्य में फर्जी तरीके से दबंग लोगों व गाइड के नाम जोड़ा गया है , खबर है कि सरपंच की मिलीभगत से फर्जी हाजरी लगा कर प्रशासन की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है, ऐसा नहीं है ग्राम पंचायत ताला के जिम्मेदारों पर पहली बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पूर्व में भी पंचायत द्वारा किये गये पुलिया निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में रहा, लेकिन सेटिंग में माहिर सरपंच द्वारा मामले को ठण्डे बस्ते में डलवा दिया गया।
मेंटनेंस का काम देख रहे दबंग
जिले की प्रशासिक व्यवस्था कितनी ढीली हो चुकी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन न तो निर्माण स्थल पर मस्टररोल रहते हैं न ही जिम्मेदार, पूरी देख रेख के लिए मुंशी लगा दिया है, खबर है कि जिम्मेदारों ने 2 लोगों की हाजरी सिर्फ इसलिए लगाई जा रही है, क्योंकि वह सरपंच के साथ राशन बांटने के लिए घूम रहे हैं। जहां एक ओर गरीब खाने तथा काम के लिए परेशान है।
पंचायत रही है सुर्खियों में
कथित पंचायत पूर्व में भी अपने कृत्यों के लिए सुर्खियों में रही है, चाहे वह सीसी सड़क निर्माण का मामला हो या वन भूमि पर बनाई गई पुलिया का हो, खबर है कि ताला-बिझरिया रोड में पुलिया का निर्माण वन विभाग की भूमि पर बगैर अनुमति निर्माण किया गया, मामला सामने आने के बाद मामले को दबाने का प्रयास किया गया। साथ ही एक वर्ष पहले बिझरिया में सीसी रोड का निर्माण किया गया, जो अब उखडऩे की कगार पर हैं।
कांग्रेस पार्टी की धौंस
एक ओर पूरा देश कोविड-19 से जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ताला पंचायत के सरपंच द्वारा किये गये उक्त कृत्य से प्रशासन की छवि तो धूमिल हो रही है, वहीं दूसरी ओर जब सरपंच द्वारा स्थानीय लोगों को कांग्रेस पार्टी की आड़ में दबाव बनाकर हमेशा मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है। मामले में कितनी सत्यता है, यह जांच से खुलकर सामने आ सकता है।
इनका कहना है…
हमारी पंचायत में पूर्व में हुए सभी काम नियम के अनुसार हुए हैं, आपको किसने बताया कि मजदूर मेेरे साथ घूम रहे हैं, जो भी आरोप हैं वह गलत हैं।
रति भान सिंह
सरपंच, ग्राम पंचायत ताला