गांजा के आरोपीगण को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास

Ajay Namdev-7610528622
एक-एक लाख रुपये के अर्थदण्ड की सजा
अनूपपुर। विशेष न्यायाधीश अनूपपुर राजेश कुमार अग्रवाल के द्वारा अपने विशेष प्रकरण क्रमांक 06/2015 शासन बनाम पप्पू नापित वगैरह के प्रकरण में 05 नवम्बर को निर्णय पारित करते हुए आरोपी श्रीराम विश्वकर्मा पिता गोविन्द प्रसाद विश्वकर्मा, राजेश उर्फ भूरा गुप्ता पिता भीमसेन गुप्ता, शंकर विश्वकर्मा पिता गोविन्द प्रसाद विश्वकर्मा सभी निवासी ग्राम-रामपुर, थाना अमलाई, जिला-शहडोल म0प्र0 को प्रत्येक आरोपी को धारा 20बी(11) सी स्थापक औषधि तथा मन: प्रभावी अधिनियम में दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। शासन की ओर से लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा पैरवी की गयी। लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि घटना 10 दिसम्बर 2014 को मुखबिर की सूचना दी गयी कि एक सफेद रंग की बोलेरो सामने कांच पर लाल रंग से भारत सरकार लिखा है, नंबर नहीं लिखा है, पीछे तरह कांच पर अंग्रेजी में लिव यंग लिव फ्री लिखा है, उसके नीचे कलश पर स्वास्तिक निशान पीले रंग से बना है, जिसमें चार व्यक्ति चालक पपू नापित, श्रीराम विश्वकर्मा, राजेश कुमार उर्फ भूरा, संजय चौधरी सभी निवासी रामपुर के द्वारा अवैध रूप से मादक पदार्थ गांजा रख कर बेचने के लिए मेडियारास से बुढार तरफ जा रहे हैं। उक्त सूचना को थाने में उपस्थित गवाह सम्हर सिंह गोड एवं पिंटू पटेल को बताया जाकर धारा 42 के तहत मुखबिर की सूचना पर पंचनामा तैयार किया गया, जिस पर थाना चचाई ने आरोपीगण के विरूद्ध धारा 20बी(11) सी स्वापक औषधि तथा मन: प्रभावी अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तात्कालीन विवेचना अधिकारी मोहम्मद रिजा खान उप निरीक्षक के द्वारा की जाकर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जहां पर न्यायालय द्वारा उभय पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुनने के पश्चात् लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया के तर्क से सहमत होते हुए उपरोक्त दण्डादेश पारित कर दिया गया है। इस प्रकरण के आरोपी पप्पू नापित फरार है, जिसके विरूद्ध उसके उपस्थित होने पर कार्यवाही की जावेगी।