गावों का विकास ही भारत का सही विकास हैं- डॉ. परमानंद तिवारी

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अनूपपुर। 24 अक्टूबर संयुक्त राष्ट्र संघ स्थापना दिवस के तारतम्य में महात्मा गंाधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के आव्हान में शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में एक दिवसीय कार्यशाला ग्रामीण प्रक्षालन कार्यक्रम में समुदाय की भूमिका विषय पर रखी गई। कार्यक्रम मुख्य अतिथि प्रेम कुमार त्रिपाठी पूर्व नपाध्यक्ष अनूपपुर रहें, उन्होंने गंाधी साद्र्धसती के अवसर पर इस आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। गंाधी अपने विचारों से युगों तक जिन्दा रहेंगे। उन्होंने कहा था कि भारत की आत्मा गांव का विकास ही राष्ट्र का विकास है, जिसमें हर व्यक्ति को आगे आकर दायित्व वोध के अनुसार कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. परमानंद तिवारी प्राचार्य ने की। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास की संकल्पना और जनभागीदारी एक-दूसरे के पूरक हैं। इस हेतु सभी को जोडऩा जरूरी है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुख्यालय से आई मैडम ख्याति धुर्वे रिसार्स पर्सन रही। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा आयोजन पर विस्तृत प्रकाश डाला कहा कि हम सभी सामूहिक जिम्मेदारी के साथ आगे आएं शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण अंधविश्वास जैसे विभिन्न मुद्दों पर विमर्श किया। इस अवसर पर जिले से शासकीय महाविद्यालय राजनगर, बिजुरी, कोतमा एवं अनूपपुर आदि महाविद्यालयों के प्राध्यापकों एवं शोध छात्र/छात्राओं ने भाग लिया।
आयोजन में डॉक्टर विक्रम सिंह प्राचार्य बिजुरी, डॉक्टर विवेक पटेल प्राध्यापक कोतमा ने अत्यन्त सार्थक विषय प्रस्तुती करण किया। कार्यक्रम दो सत्रों में संचालित किया गया। जिसमें कृष्ण कुमार श्रोत्रीय, डॉक्टर मनोज त्रिपाठी, राजेश कुमार विश्वकर्मा, डॉक्टर नितिन सहारिया, रतन सेन, अवधेश कुमार यादव, मीरा कांठा, जुगुल किशोर, डॉक्टर तरन्नुम सरवत, फरहानाज, तुलसी रानी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।