गीतांजली बस सर्विस का गैरेज बना तहसील परिसर

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कमीशन के आगे नतमस्तक है अधिकारी
यूं तो सडक किनारे खडे वाहनों पर प्रशासनिक अमला जुर्माना लगा देता है, लेकिन महीनों से तहसील परिसर को अपना गैरेज बनाने वाले गीतांजली बस सर्विस के मालिक पर अधिकारियों की मेहरबानी समझ के परे है।
अनूपपुर। किसी भी शासकीय परिसर पर छोटे-बडे वाहनों को खडा करने की छूट कार्यालयीन समय तक रहती है, लेकिन हमारे अनूपपुर तहसील कार्यालय के परिसर में महीनों से गीतांजली बस सर्विस की आधा दर्जने बसे खडी है, जैसे की तहसील परिसर बस मालिक का निजी गैरेज हो। इसको लेकर कई बार अधिवक्ताओं ने तहसीलदार व एसडीएम के समक्ष आपत्ति भी की, लेकिन अधिकारी उस पर क्यो मेहरबान है यह तो वही जाने, दबी जुमान में अधिवक्ता बताते है कि बसें यहां खडी करने के पीदे चंद कमीशन का खेल है। बहरहाल मामला जो भी, लेकिन तहसील परिसर में खडी बसों पर कार्यवाही न होना अधिकारियों की बगैर अनुमति के संभव नही हो सकता है।
पीडित व पक्षकार परेशान
तहसील परिसर में प्रतिदिन विभिन्न कार्यो को लेकर पीडित व पक्षकार के अलावा वहां सैकडों अभ्यासरत अधिवक्ता और कर्मचारी पहुंचते है, उनके निजी वाहनों को खडा करने के लिए इस लिए जगह नही मिल पाती कि परिसर के खाली जगह में गीतांजली बस सर्विस की बसें पेड की छांव में खडी है। दूर दराज से पहुंचने वाले ग्रामीण पेड की छांव के लिए भटकते रहते है। गीतांजली बस सर्विस के मालिक पर इतनी कृपा क्यो बरस रही है।
जल्द सौपेंगे ज्ञापन
शुक्रवार को इस पूरे मामले में कई अधिवक्ताओं ने राज एक्सप्रेस से खुली चर्चा करते हुए कहा कि तहसील परिसर को किसी भी हालत में हम निजी व्यक्ति का गैरेज नही बनने देंगे, जल्द ही इसकों लेकर तहसीलदार व एसडीएम के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए बस मालिक पर कार्यवाही के साथ ही बीते तीन माहों का किराया वसूल करने की मांग की जायेगी, यदि किसी प्रकार की कोई कार्यवाही बस मालिक के खिलाफ नही की गई तो अधिवक्ता इस पर न्यायालय में पीटीसन भी दायर करेंगे।
आखिर क्यो मौन है साहब 
तहसील परिसर में बीते कई माहों से खडी गीतांजली बस सर्विेस की आधा दर्जन खडी बसों को तहसीलदार व एसडीएम साहब प्रतिदिन अपनी आंखो से देखते होंगे, लेकिन कार्यवाही के लिए साहब क्यो मौन है यह भली भांति वही जान सकते है, लेकिन अधिवक्ताओं का खुला आरोप वैसे ही नही हो सकता। जबकि तहसील परिसर में जगह का अभाव होने पर पक्षकारो को व अधिवक्ताओं को अपने वाहन सडक किनारे बाहर खडा करना पडता है, जो कि दुर्घटना का एक कार बन सकता है।
इनका कहना है
तहसील बंद होने की वजह से खडा किया गया था, अब खुल गया है तो जल्द ही उसे हटवाया जायेगा, वैसे भी मैने तहसीलदार को बोल दिया है।
कमलेश पुरी, एसडीएम अनूपपुर

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