Good…….एक साथ चल रही तीन समग्र आईडी, सरकारी सेवक को सीईओ ने दे दिया पीएम आवास

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  • एक साथ चल रही तीन समग्र आईडी, मेहरबान सीईओ ने दे दिया पीएम आवास
    जनपद से कलेक्टर तक शिकायत, कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कोरम कर रहे पूरा
     जयसिंहनगर जनपद के ग्राम मसीरा में रहने वाले शासकीय कर्मी की एक साथ तीन-तीन समग्र आईडी अस्तित्व में है। यहीं नही जनपद व पंचायत के जिम्मेदार कथित महिलाकर्मी पर इतने मेहरबान है कि अपात्र होने के बाद भी उसे पीएम आवास योजना का लाभ दे दिया, पूरे मामले की दर्जनों शिकायतें हुई, लेकिन जनपद और पंचायत के जिम्मेदार हर बार उसे निपटा देते है।
    (शुभम तिवारी)

जयसिंहनगर/शहडोल। जिले के जयसिंहनगर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मसीरा के सचिव व रोजगार सहायक अपने रिश्तेदारो को पीएम आवास की खैरात बांट रहे है। तथाकथित जिम्मेदारो ने कथित महिला कर्मचारी को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलाने के लिए उसकी तीसरी समग्र आईडी बना दी, जबकि पूर्व से संचालित दो समग्र आईडी व महिला कर्मचारी के पीएम आवास योजना में अपात्र होने की शिकायत स्थानीय ग्रामीण ने अनुविभागीय अधिकारी से लेकर जनपद, कलेक्टर व कमिश्नर कार्यालय तक की थी।
यह है आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाये है कि पूर्व में उमरिया जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकुरी की मूलनिवासी वंदना मिश्रा की समग्र आईडी 107219469 है तथा परिवार की समग्र आईडी 21770634 है, इसके बाद ग्राम पंचायत मसीरा में शहडोल जिले के जयसिंहनगर जनपद के जिम्मेदारो द्वारा उसकी दूसरी समग्र आईडी 152048713 वंदना चतुर्वेदी के नाम पर बनाई गई, जिसकी परिवार समग्र आईडी 40754086 है। यही नही मसीरा में ही वंदना चतुर्वेदी के नाम पर तीसरी समग्र आईडी भी बनाई गई, जिसका क्रमंाक-300263131 है व परिवार समग्र आईडी 40728306 है।
लगातार हो रही शिकायतें
ग्राम मसीरा के रहने वाले प्रवीण मिश्रा पिता दिनेश मिश्रा ने इस संबंध में समस्त दस्तावेजों को संलग्न कर जनपद पंचायत से लेकर एसडीएम और कलेक्टर तथा कमिश्नर आदि को शिकायतें दी है। शिकायत में उन्होंने पंचायत के सचिव अवधराज सिंह और रोजगार सहायक विरेन्द्र द्विवेदी को कटघरे में खड़ा किया है। शिकायकर्ता ने आरोप लगाया है कि एक ही व्यक्ति की तीन समग्र आईडी किस आधार पर बनी, इसकी जांच होनी चाहिए तथा जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
और दे दिया पीएम आवास
महिला आशा सुपरवाईजर पर पंचायत के जिम्मेदारो की कृपा यहीं नही रूकी, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में भी उसका नाम शामिल कर उसे योजना का लाभ दिलवा दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि शासकीय कर्मचारी को यह लाभ गलत तरीके से दिया गया है, यही नहीं उसे उसका पीएम आवास भी सरकारी जमीन पर बनाया गया है, जबकि नियतमत: यदि जांच की जाये तो उक्त महिला पीएम आवास योजना की हकदार नहीं है।
जांच के नाम पर लीपा-पोती
शिकायकर्ता ने बताया कि उसने दर्जनों बार शिकायतें की, लेकिन हर बार जांच जनपद या फिर पंचायत को ही मिलती है, जिन लोगों पर गड़बड़ी के आरोप है, उन्हें ही जांच दे दी जाती है, ऐसी स्थिति में जांच कहां तक सही होगी यह सहज समझा जा सकता है। पंचायत के जिम्मेदार इस मामले में पर्दा डालने के लिए फर्जी तरीके से कागजी कोरम पूरा कर लीपा-पोती कर रहे है। शिकायकर्ता ने मांग की है कि शहडोल से किसी भी कर्मचारी को जांच अधिकारी बनाकर भेजा जाये तो सच सामने आ जायेगा।
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इनका कहना है
महिला की पूर्व की दो समग्र आईडी बंद करने के लिए कार्यवाही की जा चुकी है, महिला का वेतन महज 5600 रूपए मासिक है और पीएम आवास योजना के प्रपत्र भरने के समय उसे 13 अंक मिले है, इस मामले की जांच हो चुकी है, शिकायत पारिवारिक विवाद के कारण हो रही है।
अवधराज सिंह
सचिव
ग्राम पंचायत मसीरा

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