घनी आबादी के बीच गैस गोदाम, दुर्घटना को आमंत्रण
नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
(शंभू यादव+91 98265 50631)
शहडोल। अगर यूं कहें कि शहर की घनी आबादी बारूद के ढेर पर आशियाना बनाये बैठी है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जिले में रिहायशी इलाकों में गैस के गोदाम बने हुए हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कभी आग लगी और जान-माल की क्षति हुई तो जवाबदेही किसकी होगी? जब ये गैस गोदाम शुरू हुए तब बस्ती क्षेत्र में नहीं में नहीं थे, लेकिन आबादी विस्तार होता गया तो ये अब उसके नजदीक आ गए है। इसके बावजूद इनकी जगह नहींं बदलने से अब इनका कारण आबादी क्षेत्र में हादसे का डर सताने लगा है। नियमों के तहत ऐसे गैस गोदाम आवसीय क्षेत्र के नजदीक नहीं हो सकते इसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा इस बारे में अनदेखी की जा रही है। गैस एजेंसियों के गोदामों के आसपास आबादी क्षेत्र का विस्तार होने से कई परिवार गोदाम के 300 मीटर के दायरे में बस गए है।
जनहानि की संभावना
बुढ़ार में एचपी कंपनी के सिलेण्डर बेचने वाली रिचा गैस एजेंसी का गोदाम सरईकांपा मेन रोड पर है, जहां 300 मीटर के दायरे में दर्जनों आवास हैं, गोदाम के ठीक सामने सड़क की दूसरी तरफ आवासीय बस्ती है। ट्रकों से सिलेंडरों को गोदाम में ले जाने निकालते वक्त एजेंसी संचालकों के कर्मचारी ट्रक में चढ़कर भरे सिलेंडर को ट्रकों से नीचे फेंकते है। सिलेंडर में खतरनाक अति ज्वलनशील गैस भरा होता है। पटकने के दौरान सिलेंडर के भीतर गैस में तेज हलचल होती है। हलचल की वजह से बाहर के तापमान के संपर्क में आने से सिलेंडर कभी भी फट सकता है और अगर कोई घटना कारित होती है तो, इस क्षेत्र में बड़ी जनहानि की संभावना बनी हुई है।
जिम्मेदार भूले जिम्मेदारी
धनपुरी में इण्डेन गैस की एजेंसी का गोदाम स्टेडियम के बगल से है, जहां 50 मीटर पर ही कालरी के आवास और निजी आवास हैं, यह एजेंसी संजय नगर, जिला अनूपपुर के नाम पर आवंटित है, लेकिन शहडोल में संचालित हो रही है, यह भी जांच का विषय है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए उक्त गोदामों को शहर से बाहर ले जाने के जिम्मेदार कितने गंभीर हैं, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सब कुछ जानते हुए भी पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।
मुख्यालय में अवैध गोदाम
वार्डवासी वार्ड क्रमांक 25 प्राचार्य नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बलपुरवा द्वारा श्रीमती भावना महेन्द्रा पति राकेश महेन्द्रा के द्वारा वार्ड क्रमांक 25 के खसरा क्रमांक 200/16, रकवा 60/0.243 हेक्टेयर में नियम विरूद्ध बीच शहर में अवैध गैस गोदाम का निर्माण एवं संचालन रोकने के संबंध में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत आवेदन अनुसार श्रीमती भावना महेन्द्रा के पति राकेश महेन्द्रा द्वारा ग्राम बलपुरवा वार्ड नंबर 25 में गैस सिलेण्डर भण्डारण हेतु नगरपालिका सीमान्तर्गत घनी आबादी वाले क्षेत्र में गैस गोदाम का निर्माण किया जाना बताया गया है, जो कि पेट्रोल पम्प से महज 200 मीटर की दूरी पर नेहरू हायर सेकेण्ड्री स्कूल एवं आबादी वाले क्षेत्र पर स्थित है, स्थानीय निवासियों के लिए उक्त गोदाम जानलेवा साबित हो सकता है। वर्तमान समय में शहडोल शहर में पूर्र्व से निर्मित और वर्षाे से संचालित गैस गोदाम को जिला प्रशासन द्वारा आबादी क्षेत्र से बाहर किये जाने का आदेश दिया गया है, ऐसी परिस्थिति में घनी आबादी वाले क्षेत्र में उक्त गैस गेदाम बनाने की अनुमति किस आधार पर दी गई है।
3 वर्ष की थी अनुमति
नगरपालिका एवं अन्य कार्यालय से जो अनुमति प्रदान की गई है, वह भी आवेदिका के पति द्वारा प्रस्तुत गलत दस्तावेज के आधार पर दी गई है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश से निर्माण की अनुमति सहकारी उपभोक्ता भण्डार उपयोग हेतु विकास अनुज्ञा/अनापत्ति ली गई है, जिसकी शर्त की कण्डिका 1 में भूमि विकास नियम 2012 के नियम 23 के अनुसार उक्त सहमति/आपत्ति जारी दिनांक से 03 वर्ष के लिए प्रदत्त रहना बताया है, जो 22 मई 2017 तक ही है, किन्तु निर्माण कार्य अभी भी किया जा रहा है। कण्डिका 9 में संलग्न मानचित्र में टे्रस प्रदर्शित खसरा, मानचित्र में अंकित स्थल में किसी भी प्रकार की विसंगति एवं गलत अंकित होने की दशा में विकास अनुज्ञा/अनापत्ति स्वयं निरस्त मानी जाने का प्रावधान है।
तथ्यों को छुपाकर अनुमति
कण्डिका 11 अनुसार शहडोल विकास योजना 2011 अनुसार आवासीय उपयोग के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृति एवं स्वीकार उपयोग के अंतर्गत दी जा रही होना बताई गई है। नगरपालिका में सहकारी उपभोक्ता भण्डार के नाम पर गलत नक्शे की मंजूरी दी है, जो कि अपने आप में जांच का विषय है। विस्फोटक विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे के आधार पर नगरपालिका में निर्माण के लिए आवेदन किया जाना था, लेकिन इस मामले में भी विस्फोटक विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे की प्रति के आधार पर नगरपालिका में आवेदन नहीं किया गया और तथ्यों को छुपाया जाकर निर्माण की अनुमति दी गई थी, जबकि गैस गोदाम का निर्माण व्यवसायिक प्रयोजन हेतु किया जा रहा है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि गैस सिलेण्डर नियम 2004 के अंतर्गत गैस गोदाम 300 मीटर की परिध में कोई गोदाम, स्कूल आदि नहीं होना चाहिए, जबकि उक्त गोदाम के 30 फिट में ही मकान निर्मित है व 50 फिट पर नेहरू हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित है, जिसमें 100 छात्र-छात्राएं अध्यन्नरत हैं। जागरूकजनों ने कलेक्टर ललित दाहिमा से मांग की है कि जिले में घनी आबादी के बीच चले रहे गैस गोदामों पर संज्ञान लेकर उन्हें इस समस्या से निजात दिलायें।