
शिरीष नंदन श्रीवास्तव 9407070665
शहडोल। विश्व योग दिवस के अवसर पर योग और योगाभ्यास में विशेष सिद्धहत योगाचार्य एवं समाजसेवी वर्षा तनेजा ने योगाभ्यास और प्राणायाम का महत्तव बताते हुए कहा कि योग के माध्यम से कई रोगो के उपचार और बीमारियों के ठीक होने का दावा किया साथ ही उन्होंने अपने योग के सतह हुए अनुभव बताते हुए कहा कि मेरी योग की शुरुआत वर्ष 2002 से हुई । तब स्वामी जी का आगमन झांसी में योग का कार्यक्रम में सम्मिलित हुई । तब मैं योग से जुड़ी और मैंने निरंतर योगाभ्यास घर पर ही किया कुछ सालों के बाद पतंजलि परिवार की सदस्य बनी फिर महिला जिला प्रभारी बनी मुझे कई बार हरिद्वार में स्वामी रामदेव के पास योग सीखने का भी अवसर मिला उसके बाद हर स्कूल हर कॉलेज हर आंगनबाड़ी सभी जगह मैंने योग की क्लास से लगाई जिसमे हजारों महिलाओं को स्टेडियम में योग सिखाया। साथ ही निरंतर 5 साल स्टेडियम में योग क्लास चलाई योग से मुझे समाज सेवा करने का भी अवसर मिला मैंने संत कंवर राम स्कूल के माध्यम से योग एवं निशुल्क सिलाई कढ़ाई बुनाई भी सिखाई एवं मैं अभी भी निरंतर सिलाई कढ़ाई बुनाई योग सिखाती रहती हू। वर्तमान में फैली कोरोना महामारी के परिपेक्ष्य के सम्बन्ध में वर्षा तनेजा ने कहा कि कोरोना वायरस से डरे नहीं, भस्त्रिका प्राणायाम शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है उसमें बीमारियों से बचाव होता है शरीर की इम्युनिटी और ताकत बढ़ती है फेफड़ों से बार बार सांस लेने से कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है कपाल भाती इस क्रिया के रोजाना कम से कम 5 मिनट करने से फेफड़ों की सफाई के साथ नाड़ी की सफाई होती है जिससे मन मस्तिक को भी शांति मिलती है फेफड़ों की ब्लॉकेज खुलता ह। नर्वस सिस्टम व पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती है। अनलोम विलोम प्राणायाम यह फेफड़ों की मजबूती के लिए अच्छा आसन है संपूर्ण शरीर और मस्तिष्क के शुद्धिकरण के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम उपयोगी है। तन मन दोनों को तनावमुक्त करता है। सुबह 10 मिनट तक कर सकते हैं । प्राणायाम प्रतिदिन करें कोई भी वायरस छू भी नहीं सकता है ।