घोषित मूल्यांकन पद्धति पर पुनः विचार करें सरकार: ABVP

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शिरीष नंदन श्रीवास्तव 9407070665

शहडोल । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह सुनिश्चित मत है कि स्नातक अंतिम वर्ष व स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के परीक्षा के बारे में जो बात प्रदेश सरकार के द्वारा कही गई है यह कतई उचित नहीं हैं। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा लिए बगैर उनका मूल्यांकन करना यह सरकार ने घोषित की हुई पद्धति पर अपना पुनर्विचार करना चाहिए ।एक तरफ प्रदेश में सभी विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष के छात्रों के मूल्यांकन करने हेतु तैयार थे और छात्र भी परीक्षा के पूर्ण मानसिकता में थे ऐसे में सरकार का निर्णय छात्रों को पढ़ाई विमुख कर रहा है जो पूर्ण रूप से अनावश्यक था ।

शिक्षा व विद्यार्थियों के भविष्य के व्यापक हितों को देखते हुए इस प्रकार से नियोजन यह हानिकर्ता साबित होगा अभाविप का मानना है कि सरकार वैकल्पिक मूल्यांकन की योजना कर स्नातक अंतिम वर्ष व अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य की चिंता करें साथ ही ऐसे मूल्यांकन के समय भी उपस्थित होने में असमर्थ छात्रों के लिए भी अधिक एक अवसर मूल्यांकन का दिया जाए।

कल शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर विश्वविद्यालय परीक्षा पर चर्चा कर अपना पक्ष रखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह मानना है कि सरकार की ओर से जो मत प्रकट किया गया है उसमें प्राइवेट विद्यार्थी ,एटीकेटी आए हुए विद्यार्थी, प्रोफेशनल कोर्स के विद्यार्थी एवं मेडिकल व कृषि के विद्यार्थी के मूल्यांकन पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है अभाविप का यह मानना है कि उच्च शिक्षा में किसी भी प्रकार के मूल्यांकन ना करते हुए अगली कक्षा के लिए अनुमोदित करना या शिक्षा की गुणवत्ता पर आ गए प्रशन खड़ा करेगा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं उच्च शिक्षा परिषद जैसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया ,वास्तु कला परिषद ,मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया आदि ने तो इस संबंध में अपने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

इस मौके पर परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के सामने निजी विश्वविद्यालयों की फीस हॉस्टल हॉस्टल शुल्क में माफी का मुद्दा उठाया मुख्यमंत्री जी ने सभी प्रश्नों का सकारात्मक निराकरण का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया है।

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