छग के कोयला व्यवसायी ओबेराय कर रहे चंगेरा का मैनेजमेंट

चंगेरा से बिलासपुर और इंदौर पहुंच रहा था कोयला
(शम्भू यादव- 9826550631)
शहडोल। छत्तीसगढ़ के विभिन्न थानों के रोजनामचों में अपना नाम दर्ज करा चुके अमित ओबेराय जिले के सुदूर अंचल स्थित चंगेरा नामक स्थान पर कोयले के अवैध उत्खनन में कैसे सक्रिय हो गये, यह अपने आप में गूढ़ प्रश्न हैं, बहरहाल मैनेजमेंट के महारथियों द्वारा जिले के जिम्मेदारों के नाम पर अपनी जेब गर्म कर कोयले के अवैध उत्खनन और परिवहन की छूट खुद ही दे दी, यह भी खबर है कि स्थानीय चंद दबंगों के साथ ओबेराय की मिटिंग करवाई गई और कोयले की आवाजाही भी शुरू हो गई, इसी बीच यह मामला मीडिया में आ गया तो मैनेजमेंट का दौर शुरू हो गया, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिले के जिम्मेदारों के नाम पर पहले जुआं की सेटिंग की खबरें सामने आई और फिर कोयले के कारोबार में जिम्मेदारों के नाम बेवजह आम किये जा रहे हैं। जांच का विषय तो यह भी है कि ऐसे कौन से लोग हैं जो प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार की साख पर बट्टा लगाने में लगे हुए हैं।
सूत्रधार ही उगलेंगे राज
प्रशासनिक अधिकारियों की साख पर बट्टा लगाकर कोयले का काला कारोबार भले ही सप्ताह भर चला हो, लेकिन छग से यहां आकर कारोबार करने वाले कथित कारोबारी के तार कैसे चंगेरा जैसे छोटे ग्राम तक जुड़ गये, यह जांच का विषय है। प्रशासन ने समय रहते यदि ग्राम चंगेरा के कथित दबंगों से राज नहीं उगलवाये तो वह दिन दूर नहीं जब जिम्मेदारों के नाम पर कथित सौदागर अवैध ठेकों के साथ सरकारी कार्यालयों तक के सौदे कर दें।
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जिले में एक बार फिर पुरानी तर्ज पर कोयले का अवैध कारोबार सर उठाने लगा है, अंचल के चंगेरा नामक ग्राम में सोन नदी और आसपास के अंचल में कोयले का बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन अब छत्तीसगढ़ की कथित ओबरॉय नामक फर्म द्वारा किया जा रहा है, खबरें की मैनेजमेंट के लिए भोपाल स्तर पर दबाव बनाने के बाद यह काम बीते सप्ताह से शुरू हुआ है। जिसमें चंगेरा के साथ ही शहडोल के कुछ युवक इस कारोबार में शामिल है, रोजाना चार से छह ट्रक कोयला निकलकर बिलासपुर और इंदौर की मंडियों में भेजा जा रहा है।
अंचल में शुरू हुए कोयले के अवैध उत्खनन और विक्रय के कारोबार ने करीब दो दशक पहले जिले में हो रहे कोयले के अवैध कारोबार की याद ताजा कर दी है, सूत्रों पर यकीन करें तो चंगेरा के भारत , गुड्डू , कमलेश के साथ ही शहडोल बस स्टैंड के पास रहने वाले मनु और पांडे नामक एक युवक इस पूरे कारोबार के सूत्रधार हैं।
जो यहां से कोयले का अवैध उत्खनन और परिवहन करने का जिम्मा लिए हुए हैं, यह पूरा कारोबार इस समय अपने चरम पर है , रोजाना शाम होते ही यहां कई गाडिय़ां जाती हैं और जेसीबी के माध्यम से कोयला लोड होकर बाहर की मंडियों में जाता है। इस बात की खबर स्थानीय पुलिस को है या नहीं यह तो वही जाने लेकिन जिस तर्ज पर अवैध कोयले का कारोबार यहां किया जा रहा है, इस बात को बल मिलता है कि यह सब पुलिस के मैनेजमेंट के बिना शुरू नही किया गया है , दूसरी तरफ सवाल यह भी उठता है कि खनिज विभाग भी इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही या जांच नहीं की है, अब देखना है कि यह मामला सामने आने के बाद खनिज और स्थानीय पुलिस सहित तहसील और एसडीएम कार्यालय में बैठे अनुभाग अधिकारी इस दिशा में क्या करते हैं, समय रहते यदि इस पर कार्यवाही नहीं की गई तो जिले में दो दशक पूर्व चल रहे कोयले के अवैध की याद ताजा हो जाएगी और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बड़े पैमाने पर यहां असामाजिक तत्वों का जमघट लगेगा जो स्थानीय अमन के लिए अहितकर साबित हों सकते है