जन-जागरूकता के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए छेड़नी होगी जंग

नशा स्वास्थ्य, समाज, पारिवारिक, व्यवसायिक एवं आर्थिक तंत्र को पहुंचा रहा नुकसान

जन-जागरूकता के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए छेड़नी होगी जंग
जिले के सभी थाना क्षेत्रों में नशे के सौदागारों के खिलाफ शुरू होगी मुहीम

(शुभम तिवारी)

शहडोल । पुलिस कंट्रोल रूम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली एवं जिला पुलिस द्वारा ”मादक पदार्थो के दुव्र्यसन की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम ÓÓ पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि पी.एस.उइके पुलिस उप महानिरीक्षक शहडोल संभाग द्वारा दीप प्रज्जवलित कर मॉ सरस्वती को माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि का पुलिस अधीक्षक द्वारा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया एवं पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वागत किया गया।
जागरूकता की आवश्यकता
आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषय की रूप रेखा से परिचय कराने के पश्चात सेमीनार का उद्घाटन सम्बोधन पुलिस उप महानिरीक्षक पी.एस. उइके द्वारा किया गया, जिसमें समाज में नशीले पदार्थ का दुष्प्रभाव एवं पुलिस द्वारा सक्रियता से कार्यवाही किए जाने बावत् प्रेरक उद्बोधन किया गया। पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह द्वारा नशे के आदी लोगो के विरूद्ध एक जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये, विभिन्न नशीले पदार्थो जैसे गांजा, अफीम, हशीश, कोका, डोडाचूरा, मार्फिन, हेरोइन, कोकीन से परिचित कराया गया।
आर्थिक तंत्र को नुकसान
प्रदेश एवं देश के विभिन्न भागों में उपयोग किये जाने वाले मादक पदार्थो के बारे में जानकारी दी गई, नशीले पदार्थो से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों जैसे नींद उत्पन्न करना, इंद्रियों को शिथिल करना, दर्द में रहना, मस्तिष्क और केन्द्रीय स्नायु तंत्र को प्रभावित करने के बारे में बताया गया। ऐसे कृत्रिम पदार्थ जो रासायनिक पदार्थो से निर्मित होते है जैसे डाइजापाम, मैन्ड्रैक्स, एमडीएमए, बेलियम, कोरेक्स के उपयोग से दुष्प्रभावो के बारे में बताया गया। नशीले पदार्थो के उत्पादन करने वाले क्षेत्र, मादक पदार्थो का भारत में दुरूपयोग करने वाले आयु समूह, नशा करने के तरीके, मादक पदार्थो की पहचान, नशे के आदी व्यक्ति के शारीरिक लक्षण एवं प्रारंभिक लक्षणों के बारे में बताया गया। नशा हमारे स्वास्थ्य, समाज, पारिवारिक, व्यवसायिक एवं आर्थिक तंत्र को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है यह भी बताया गया। इसके नियंत्रण हेतु क्या-क्या कानूनी प्रावधान है यह भी बताया गया। मादक पदार्थ का सेवन करने वाले के द्वारा समाज में फैलाई जा रही मिथ्या धारणांओ से भी अवगत कराया गया।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
सारांश में अपने उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक द्वारा नशे के आदी लोगो के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ पुलिस द्वारा नशे के आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही का आव्हान किया,जिससे एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सके। सोनाली गुप्ता,उप पुलिस अधीक्षक (परिवीक्षाधीन)द्वारा नशीले पदार्थो के दुरूपयोग में पुलिस की भूमिका एवं कार्यवाही के बारे में बताया गया। 2003 (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट) के बारे में भी बताया। नशा मुक्त समाज के निर्माण में पुलिस की भूमिका का वर्णन भी किया गया। शिक्षण संस्थाओं के नजदीक बिक्री होने वाले तंबाखू, सिगरेट आदि के विक्रय को रोकने हेतु अध्यापको को जागरूक करने हेतु बताया गया।
अपराध समाज के लिए खतरनाक
विश्वजीत पटेल जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखेरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015, बच्चो द्वारा किये जाने वाले अपराध के बारे में बताया गया। 16 से 18 वर्ष के किशोरों द्वारा किया जाने वाला अपराध समाज के लिये सबसे खतरनाक है तथा समाज के लिये सबसे बड़ी चुनौती है। किशोरवय के बालकों द्वारा किये जाने वाले अपराध की विवेचना एवं न्यायालय में प्रस्तुत चालान में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। पॉक्सो अधिनियम 2012 से जुड़े कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ इस कानून की बारीकियों एवं पुलिस द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।
जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान
उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ-साथ विवेचना से लेकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने तक बरती जाने वाली सावधानियों एवं कानूनी प्रावधानों से भी अवगत कराया गया। डॉ तरूण सिंह, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि नशे के आदी व्यक्ति के सामाजिक अलगाव को कैसे खत्म करें – पारिवारिक सहयोग, परामर्श, काउंसलिंग से नशा छुड़वाया जा सकता है, नशे को छुड़वाने में दवाइयों का केवल 15 प्रतिशत योगदान है, शेष योगदान पारिवारिक सहयोग, परामर्श एवं जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान है।
दुष्परिणामों से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन
सेमीनार के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से नशा सेवन के दुष्परिणामों से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग धनपुरी, ब्यौहारी, उप पुलिस अधीक्षक यातायात, जिले के समस्त थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक उपस्थित रहें। प्रशिक्षण सत्र के अंत में उपस्थित आगंतुको का आभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया द्वारा किया जाकर प्रशिक्षण सत्र का समापन किया गय

जन-जागरूकता के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए छेड़ेगी जंग
जिले के सभी थाना क्षेत्रों में नशे के सौदागारों के खिलाफ शुरू होगी मुहीम

शहडोल । पुलिस कंट्रोल रूम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली एवं जिला पुलिस द्वारा ”मादक पदार्थो के दुव्र्यसन की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम ÓÓ पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि पी.एस.उइके पुलिस उप महानिरीक्षक शहडोल संभाग द्वारा दीप प्रज्जवलित कर मॉ सरस्वती को माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि का पुलिस अधीक्षक द्वारा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया एवं पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वागत किया गया।
जागरूकता की आवश्यकता
आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषय की रूप रेखा से परिचय कराने के पश्चात सेमीनार का उद्घाटन सम्बोधन पुलिस उप महानिरीक्षक पी.एस. उइके द्वारा किया गया, जिसमें समाज में नशीले पदार्थ का दुष्प्रभाव एवं पुलिस द्वारा सक्रियता से कार्यवाही किए जाने बावत् प्रेरक उद्बोधन किया गया। पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह द्वारा नशे के आदी लोगो के विरूद्ध एक जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये, विभिन्न नशीले पदार्थो जैसे गांजा, अफीम, हशीश, कोका, डोडाचूरा, मार्फिन, हेरोइन, कोकीन से परिचित कराया गया।
आर्थिक तंत्र को नुकसान
प्रदेश एवं देश के विभिन्न भागों में उपयोग किये जाने वाले मादक पदार्थो के बारे में जानकारी दी गई, नशीले पदार्थो से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों जैसे नींद उत्पन्न करना, इंद्रियों को शिथिल करना, दर्द में रहना, मस्तिष्क और केन्द्रीय स्नायु तंत्र को प्रभावित करने के बारे में बताया गया। ऐसे कृत्रिम पदार्थ जो रासायनिक पदार्थो से निर्मित होते है जैसे डाइजापाम, मैन्ड्रैक्स, एमडीएमए, बेलियम, कोरेक्स के उपयोग से दुष्प्रभावो के बारे में बताया गया। नशीले पदार्थो के उत्पादन करने वाले क्षेत्र, मादक पदार्थो का भारत में दुरूपयोग करने वाले आयु समूह, नशा करने के तरीके, मादक पदार्थो की पहचान, नशे के आदी व्यक्ति के शारीरिक लक्षण एवं प्रारंभिक लक्षणों के बारे में बताया गया। नशा हमारे स्वास्थ्य, समाज, पारिवारिक, व्यवसायिक एवं आर्थिक तंत्र को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है यह भी बताया गया। इसके नियंत्रण हेतु क्या-क्या कानूनी प्रावधान है यह भी बताया गया। मादक पदार्थ का सेवन करने वाले के द्वारा समाज में फैलाई जा रही मिथ्या धारणांओ से भी अवगत कराया गया।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
सारांश में अपने उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक द्वारा नशे के आदी लोगो के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ पुलिस द्वारा नशे के आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही का आव्हान किया,जिससे एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सके। सोनाली गुप्ता,उप पुलिस अधीक्षक (परिवीक्षाधीन)द्वारा नशीले पदार्थो के दुरूपयोग में पुलिस की भूमिका एवं कार्यवाही के बारे में बताया गया। 2003 (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट) के बारे में भी बताया। नशा मुक्त समाज के निर्माण में पुलिस की भूमिका का वर्णन भी किया गया। शिक्षण संस्थाओं के नजदीक बिक्री होने वाले तंबाखू, सिगरेट आदि के विक्रय को रोकने हेतु अध्यापको को जागरूक करने हेतु बताया गया।
अपराध समाज के लिए खतरनाक
विश्वजीत पटेल जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखेरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015, बच्चो द्वारा किये जाने वाले अपराध के बारे में बताया गया। 16 से 18 वर्ष के किशोरों द्वारा किया जाने वाला अपराध समाज के लिये सबसे खतरनाक है तथा समाज के लिये सबसे बड़ी चुनौती है। किशोरवय के बालकों द्वारा किये जाने वाले अपराध की विवेचना एवं न्यायालय में प्रस्तुत चालान में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। पॉक्सो अधिनियम 2012 से जुड़े कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ इस कानून की बारीकियों एवं पुलिस द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।
जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान
उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ-साथ विवेचना से लेकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने तक बरती जाने वाली सावधानियों एवं कानूनी प्रावधानों से भी अवगत कराया गया। डॉ तरूण सिंह, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि नशे के आदी व्यक्ति के सामाजिक अलगाव को कैसे खत्म करें – पारिवारिक सहयोग, परामर्श, काउंसलिंग से नशा छुड़वाया जा सकता है, नशे को छुड़वाने में दवाइयों का केवल 15 प्रतिशत योगदान है, शेष योगदान पारिवारिक सहयोग, परामर्श एवं जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान है।
दुष्परिणामों से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन
सेमीनार के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से नशा सेवन के दुष्परिणामों से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग धनपुरी, ब्यौहारी, उप पुलिस अधीक्षक यातायात, जिले के समस्त थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक उपस्थित रहें। प्रशिक्षण सत्र के अंत में उपस्थित आगंतुको का आभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया द्वारा किया जाकर प्रशिक्षण सत्र का समापन किया गया।

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