जांच के नाम पर बुढ़ार पुलिस की भाईगिरी @ रेत ट्रैक्टर को रोका, ड्राइवर से मोबाइल छीना और चले गए नाश्ता करने
जांच के नाम पर बुढ़ार पुलिस की भाईगिरी @ रेत ट्रैक्टर को रोका, ड्राइवर से मोबाइल छीना और चले गए नाश्ता करने
बुढार। थाने में पदस्थ चंद पुलिसकर्मियों ने खनिज की जांच के नाम पर भाईगिरी करना शुरू कर दिया है अभी से कुछ देर पहले बुढार से अमलाई जाने वाले मार्ग पर बुढार थाने की गाड़ी क्रमांक एमपी 03 a 8740 में सवार पांच पुलिसकर्मियों ने ओपियम की ओर से रेत से लदी ट्रैक्टर को रोका और उससे परिवहन की पर्ची मांगी, चालक द्वारा परिवहन की पर्ची देने के बाद उन्होंने ट्रैक्टर मालिक का नाम पूछा और उससे बात कराने की बात कही इतना ही नहीं पुलिस वालों ने उससे मोबाइल और रेत की पर्ची जो संभवत sr ट्रेडिंग चाकघाट से लाई जा रही थी, उसे लेकर चले गए, थोड़ी ही दूर पर पुलिसकर्मियों ने एक चाय नाश्ते की दुकान को ठीहा बनाया और ट्रैक्टर चालक को अपने मालिक भूरा को वहां भेजने का संदेश दिया।
गाड़ी मालिक के वहां आने के बाद चाय नाश्ते के साथ ही ट्रैक्टर मालिक से पुलिसकर्मियों ने सौदेबाजी शुरू की ! दोनों के बीच गुपचुप रूप से हुई सौदेबाजी में क्या तय हुआ यह तो वही जाने, लेकिन जिस तरीके से वर्दी धारियों ने ट्रैक्टर को रोका और वह ईटीपी होने के बाद उसे किसी गलती के कारण थाने ले जाने की जगह चाय नाश्ते की दुकान पर बुलाया, वह निश्चित ही संदेशों से भरा है, पुलिस की इस तरह की कार्यवाही से थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पर तो बड़ा लगता ही है
हालांकि इस संदर्भ में ट्रैक्टर मालिक और चालक ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया, इससे यह भी समझा जाता है कि क्योंकि उसे यहां काम करना है और पुलिस से बैर लेकर कोई काम नहीं किया जा सकता । सवाल ये उठता है कि यदि रेत से लदी ट्रैक्टर में कुछ गड़बड़ी थी तो उसे सीधे थाने ले जाना चाहिए ना कि नाश्ते की दुकान पर बैठकर मैनेजमेंट करना चाहिए, सच क्या है झूठ क्या है यह तो वह पुलिस वाले और उनके ऊपर अधिकारी जाने…!!