झोलाछाप डॉक्टर लील रहे जिंदगी

सीएमएचओ की टीम दलाली तक सीमित
हकीकत आई सामने, पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
(सुनील मिश्रा-9755476196)
शहडोल। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना कारोबार फैला रखा है और खुलकर लोगों की जिंदगी के साथ सौदा कर रहे हैं, कई बार प्रकरण सामने आये, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, यूं तो सीएमएचओ की टीम अवैध पैथालॉजी के खिलाफ छाप मारने बाणसागर पहुंच जाती है, लेकिन जिला मुख्यालय सहित जिले में 50 पैथालॉजी संचालित हैं, लेकिन उन पर कार्यवाही करना तो दूर रहा, फोन के बाद पूरा कारोबार सेट हो जाता है और यही स्थिति झोलाछाप डॉक्टरों के साथ भी है। जिन पर जिले के आला अफसर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं, यहां तक की ब्लाक मेडिकल ऑफिसर जो जिले में तैनात किये गये हैं, उन्होंने तो अपनी पूरी दुकान सेट कर ली है, जिसके चलते झोलाछाप लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं, इसका एक जीवंत उदाहरण देखने को मिला, जिस पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
गौरतलब है कि सूचनाकर्ता कमलदास पिता राजाराम महरा निवासी कटकोना, थाना बिजुरी, जिला अनूपपुर ने 29 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 22 वर्षीय पुत्री सुषमा चंद्रा की शादी हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार ग्राम कुम्हारी, थाना जैतपुर, चौकी झींकबिजुरी में दिनेश प्रसाद पिता कृष्णदास महरा से हुआ था, जिसकी 14 माह की बच्ची है और 2 माह का गर्भ पेट में पल रहा था, दामाद दिनेश प्रसाद द्वारा गर्भ गिराने वाली गोली उसकी बिना सम्मति के झोलाछाप डॉक्टर मोनू खान निवासी केशवाही से लेकर खिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई, रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर नवविवाहिता के प्रकरण होने की जांच एसडीओपी धनपुरी भरत दुबे के द्वारा की गई, जिस पर धारा 314, 24, मेडिकल काउंसिल एक्ट 1987 के तहत दण्डनीय कार्य पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह के निर्देश पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया, आरोपी दिनेश प्रसाद महरा को 21 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, वहीं झोलाछाप डॉक्टर अभी भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है, उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी राम कुमार गावल, आरक्षक राजेन्द्र सिंह, पवन शुक्ला, अमित सिंह की भूमिका रही।