ट्रेक्टर को लूटकर ले जाने वाले आरोपी को 05 वर्ष का कारावास

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अनूपपुर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुभाष कुमार जैन के न्यायालय के द्वारा सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी रजन कुमार राठौर उम्र 44 वर्ष पिता रामनिवास राठोर निवासी ग्राम बेला थाना कोतवाली अनूपपुर को भादवि की धारा 392 का दोशी पाते हुए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया है। राज्य की ओर से मामले में पैरवी लोक अभियोजक डी.एस. भदौरिया द्वारा की गई।
ट्राली में अवैध रूप से रखा था रेत
मामले की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि 3 जनवरी 2017 को मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर कि तिपान नदी में नीले रंग का ट्रैकटर एमपी 18 एए 6219 की ट्राली मे अवैध रूप से रेत लोड़ हो रही है, तब डिप्टी अशोक निगम, राजबली साकेत, वनरक्षक अंकेशवर लाल साहू, लक्ष्मण सिंह शासकीय वाहन चालक रामबहोर साकेत के साथ शासकीय वाहन में ग्राम बेला तिपान नदी के किनारे पहुचे थे, जहॉ पर उक्त ट्रैकटर की ट्राली में रेत लोड़ होकर उसे ले जाने की तैयारी में थे, उन्हें देखकर लोड़ करने वाले मजदूर भाग गये, चालक हीरालाल मिला मौके पर टै्रक्टर ट्रॉली की जब्ती की कार्यवाही की गई।
रजन राठौर ने दिया था धमकी
उक्त कार्यवाही के बाद टैकटर चालक हीरालाल को डिप्टी रेंजर अशोक कुमार निगम अपने शासकीय वाहन में बैठाकर सीतापुर फारेस्ट कैंपस ले जाने के लिए चालक लक्ष्मण सिंह को बोले कि टैकटर को फारेस्ट कैंपस लेकर चलो पीछे-पीछे हम भी आते है, जैसे ही टैकटर को नदी से लेकर तुलसी कॉलेज अनूपपुर पुलिया के पास पहुंचे तभी सामने से मोटर-साइकिल एमपी 18 एमजी 5122 से रजन राठौर अपने साथी के साथ आया और गाली-गलौच करते हुए बोला कि उसके टैकटर को कौन कहां ले जा रहा है, तब उसे बताया गया कि अवैध रेत उत्खनन के संबंध में कार्यवाही की जा रही हैं, तब आरोपी रजन राठौर अपने साथी से मिलकर फरियादी राजबली साकेत और लक्ष्मण सिंह को मारपीट करने लगे तथा उसका साथी टैकटर को लेकर बेला तरफ जाने लगा और आरोपी रजन राठोर मोटर साइकिल से पीछे-पीछे जा रहा था और बोल रहा था कि टैकटर के पीछे कोई मत आना वन विभाग द्वारा काफी दूर तक पीछा किया गया परन्तु आरोपी और उसका साथी टैकटर लेकर भाग गये, फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट कोतवाली अनूपपुर में की गई। कोतवाली अनूपपुर द्वारा संपूर्ण विवेचना पश्चात मामला माननीय न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोशी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित करने का आदेश पारित किया गया।

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