ठेकेदारों से तंग आ गया हूं तबादला करवा दीजिए

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एमपीआरडीसी के कार्यपालन यंत्री ने को बताया लाचार
जिले में पैंच वर्क में ठेकेदार का चल रहा अनियमितताओं का खेल

(शंभू यादव+91 98265 50631)
शहडोल। एमपीआरडीसी के माध्यम से शिवराज सरकार के समय शहडोल मुख्यालय पर कई बड़े प्रोजेक्ट आये। इन बड़े प्रोजेक्टों को पूरा होते समय लगा और कई कार्यपालन यंत्री आये और चले गये। पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक का समय व्यतीत करने वाले कार्यपालन यंत्री श्री बर्वे जिनके पास कटनी, सतना, रीवा, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर का प्रभार है। उन्हें इन दिनों शहडोल रास नहीं आ रहा है। वो अब इस जोन से बाहर जाना चाहते हैँ। कहीं ऐसा तो  नहीं कि बड़े प्रोजेक्ट जो अब हैण्डओवर की ओर तैयार हैं उसके कारण एमपीआरडीसी में कडकी छा गई है। इसलिये कार्यपालन यंत्री यहां से जाना चाह रहे हैं।
एसडीएम ने बताया सच
जानकारों की अगर मानें तो एमपीआरडीसी के कार्यपालन यंत्री ने निर्माणाधीन पैचवर्क के मामले में कलेक्टर की बैठक में कहा कि लगभग उनका पैच वर्क का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन उनके बगल में बैठे ब्यौहारी एसडीएम ने बिना समय लगाये कार्यपालन यंत्री को बेबाकी से काटा और पैच वर्क के संंबंध में पूरी की पूरी पोल खोलकर रख दी। मरता क्या न करता वाली कहावत को चरितार्थ करते हुये श्री बर्वे ने सच को स्वीकारा और पैंच वर्क में लेट लतीफी की बात को भी माना।
लगातार हो रही अनियमितताएं
शहडेाल से लेकर रीवा रोड पर बाणसागर के करीब तक जिस तरह से पैच वर्क का कार्य ठेकेदार शेखर मिश्रा के शागिर्द कर रहे हैं, ऐसा पैच वर्क तो शायद भूतों न भविष्यति वाली कहावत को चरितार्थ करता है। मजे की बात तो यह है कि पैंच पर्क में जिस तरह की तकनीकी अनियमितताएं बरती जा रही है वह कई सवालों को जन्म दे रहा है। आखिरकार कार्यपालन यंत्री मध्यप्रदेश रोड डेवलप्मेंट कार्पोरेशन सच्चाई से भागने का काम क्यों कर रहे हैं। यह पूरा का पूरा सच ईएनसी तक पहुंच चुका है और इस मामले में कार्यवाही भी संभव है। चार करोड़ रूपये के इस पैंच वर्क में अभी शहडोल से अमरकंटक मार्ग पर पैंच वर्क किया जाना बाकी है। लेकिन तकनीकी मानकों को ठेंगा दिखाकर जिस तरह से शहडोल से रीवा मार्ग पर पैंचवर्क किया जा रहा है अगर एमपीआरडीसी के अधिकारी इस मानक को सही मानते हैं तो फिर जानबूझकर मुख्यमंत्री के सपने को रौंदने का काम किया जा रहा है।
पीडब्ल्यू की नकल कर रहे ठेकेदार
एमपीआरडीसी के कार्यपालन यंत्री से जब पैंच वर्क के संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार जैसे वहां पैंच वर्क एवं सड़कों के निर्माण का काम करते हैं ठीक उसी तरह का काम यहां भी हो रहा है। उन्होने कहा कि मैंने ठेकेदार को समझाईस भी दी थी लेकिन ठेकेदार ने मेरी समझाईस को नजर अंदाज कर दिया। बहरहाल ठेकेदार और कार्यपालन यंत्री के कारण जिले की सड़कों के पैंच वर्क में बरती जा रही अनियमितताएं एक घोटाले को जन्म दे रही हैं। ऐसे में अगर राजधानी से जांच दल आकर इन पैंच वर्कों की हकीकत को टटोलेगा तो निं:संदेह कार्यपालन यंत्री कटघरे में खड़े नजर आएगें।
तो क्या होगी कार्यवाही
देवलोंद के पास इन दिनों भारी भरकम वाहनों का जाम लग जाता हैं और  एमपीआरडीसी की इस सड़क पर कार्यपालन यंत्री मिट्टी डालने का काम करना चाहते हैं। गौरतलब है कि ठेकेदार के द्वारा करवाया जा रहा यह कार्य कहीं न कहीं सवालों से घिरा हुआ है और यही वजह है कि कार्यपालन यंत्री किसी न किसी कारण वश ठेकेदार के आगे मजबूर हैं। एनआईटी में किन शर्तों को रखा गया है, अनुबंध क्या बोल रहा है, तकनीकी स्टीटमेंट क्या बोलता है जैसे सवाल उठ खडे हुये हैं। क्या ऐसे में कार्यवाही होगी या फिर ठेकेदार की चल रही मनमानी पर सरकारी खजाना लुटता नजर आयेगा।

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