ठेके पर चलाई जा रही बस, बार-बार हो रहा नियमों का उल्लंघन

Ajay Namdev-7610528622

चचाई। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में निजी बस का संचालन मनमाने ढंग से हो रहा है। कान्वेंट स्कूल के लिए चचाई से अमलाई के लिए यह बस प्लांट के पीएमडब्ल्यू और सर्विसेस विभाग देखरेख में चलाई जा रही है। वह कई बार परिवहन विभाग के नियमों की अवहेलना करते पकड़ी गई है। इस बार फिर से दस्तावेज के अभाव में अधिकारियों के संरक्षण में चल रही है गाड़ी पकड़ी गई जो कि थाने में खड़ी है। अधिकारियों की मेहरबानी से इस बस का संचालन हो रहा है जिस पर परिवहन विभाग ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। बार-बार बस के बंद होने से स्कूली बच्चों को परेशानी हो रही है।

सुर्खियों में रहा निजी बस का संचालन

हमेशा विवादों व सुर्खियों में निजी बस का संचालन बना रहा है चाहे वह फिटनेस हो या फिर परमिट या पेपर वर्क आदि के कारण उक्त बस पर कार्रवाई होती रही है जिससे स्कूली बच्चे व अभिभावक हलाकान होते रहते हैं लेकिन मंडल के पीएंड डबलू व सर्विसेस विभाग की मिली छूट के चलते उक्त बस नियमों का उल्लंघन करते हुए वर्षों से लगातार संचालित हो रही हैं जो लोगों के समझ से परे हैं। मंडल में ठेकेदार द्वारा लगी निजी बस पर आरटीओ और पुलिस दोनों ही विभागों की मेहरबानी वर्षों से हो रही है।

मजिस्ट्रेट चेकिंग में हुई कार्रवाई

22 नवंबर को मजिस्ट्रेट व यातायात विभाग अनूपपुर की संयुक्त वाहन चेकिंग के दौरान जरूरी दस्तावेज न होने पर उक्त बस को चचाई थाने में खड़ा कर दिया गया। जब तक पूर्ण दस्तावेज तैयार नहीं होते तब तक नहीं छोड़ने व दोबारा गलती होने पर कठोर कार्रवाई की बात कही गई है।

स्कूली बच्चों को एक हफ्ते से हो रही परेशानी

इस बस के थाने में खड़े हो जाने से चचाई से प्राइवेट स्कूल जाने वाले बच्चों की फजीहत हो रही है। एक सप्ताह से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व में भी बस पर कार्रवाई हो चुकी है

मंडल में लगी यह है बस व्यक्तिगत लाभ के कारण नियमों को दरकिनार कर चलाया जाता है। इसके कारण समय-समय पर यातायात और आरटीओ द्वारा कार्रवाई के दौरान यह वाहन पकड़ में आती हैं जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण 23 अगस्त 2018 को शहडोल आरटीओ द्वारा वाहन पर कार्रवाई की गई। इसमें कई दिनों तक बस अमलाई थाने में खड़ी रही जिसका प्रतिदिन 2000 आउटेज मंडल को काटना था जो नहीं काटा गया। साथ ही स्कूली छात्रों की पढ़ाई को भारी नुकसान पहुंचा था। ताप विद्युत गृह के विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के कारण अपूर्ण दस्तावेज होने के बाद भी कार्य आदेश दे दिया गया जबकि अधूरे दस्तावेज होने पर दूसरी पार्टी को टेंडर दिया जाना चाहिए किंतु ऐसा नहीं किया जाता।

सूचना के अधिकार पर जानकारी भी नहीं मिलती

ताप विद्युत गृह में सूचना अधिकार की जानकारी को लोक सूचना अधिकारी द्वारा मखौल उड़ाया जाता है। सन 2018 में सुधीर शर्मा द्वारा सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई किंतु प्रथम अपील के बाद भी प्रार्थी को जानकारी नहीं दी गई।