डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत: आरोप

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(अनिल तिवारी-7000362359)
शहडोल। जिले के खैरहा निवासी प्रभात गुप्ता ने जिला चिकित्सालय के सामने बुधवार की सुबह हंगामा कर दिया, हंगामा होता देख अस्पताल प्रबंधन ने कोतवाली को सूचना दी, पुलिस की समझाईश के बाद मामला शांत हो सका, लेकिन प्रभात गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी पत्नी सुधा गुप्ता की डिलेवरी कराने जिला चिकित्सालय में मंगलवार की रात्रि 11 बजे भर्ती कराया गया, दर्द असहनीय था, स्टाफ नर्स को बार-बार बुलाने पर भी नहीं आई। लगभग 2 घंटे तक सुधा गुप्ता तड़पती रही, डॉ. क्षितिजा को बोला गया कि अगर जरूरत हो तो ऑपरेशन कर दो किन्तु डॉक्टर द्वारा कहा गया कि नार्मल डिलेवरी हो जायेगी, डॉ. मोना सिंह, डॉ. रीना गौतम, डॉ. डी.के.सिंह रात्रि 02.40 बजे कालबुक हुआ, बेहोशी वाले आये और एक पेसेंट को बेहोश किये, दूसरे को जानबूझ कर बेहोश नहीं किये, बच्चा आधा जन्म लेने के बाद भी कोई स्टाफ सुधा गुप्ता के पास नहीं आया, सुधा गुप्ता तड़पती रही, खून से लथपथ सुधा गुप्ता का एक डॉक्टर चीरा लगाकर चले गये और परिवारजनों को बोले कि स्टे्रचर लेकर बेड पर ले जाओ। पूरा परिवार रात भर यही करता रहा, लेकिन स्टाफ नर्स गीता महेश्वरी, सुनीता सिंह, आशा एवं डॉक्टर क्षितिजा को एक भी रहम नहीं आया और एक जानवर की तरह परिवार को कोसते रहे। डॉक्टर और स्टॉफ नर्स ने एक पेसेंट से पैसा पाने से ऑपरेशन कर दिया एवं दूसरे के पास पैसा न होने के कारण ऑपरेशन नहीं किया। पीडि़त ने कलेक्टर से घटना की निष्पक्ष जांच कराते हुए पीडि़त परिवार को न्याय व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, वहीं पीडि़त ने शिकायत में उल्लेख किया है कि बच्चा आईसीयू में भर्ती है, जिसकी जवाबदारी प्रशासन की है।

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