डॉ. सचिन कारखुर पर फर्जी भुगतान को लेकर आरोप पत्र जारी

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(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। कमिश्नर आर. बी. प्रजापति ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन कारखुर को आरोप पत्र जारी किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बुढ़ार के खण्ड अधिकारी के उपर आरोप है कि उप स्वास्थ्य केन्द्र अमलाई के एएनएम के विभिन्न कार्यो से संबंधित फर्जी देयक प्राप्त कर देयको का परीक्षण किए बिना फर्जी भुगतान की कार्यवाही कर 16 हजार 646 रूपये का गमन किया है। इसी प्रकार उप स्वास्थ्य केन्द्र बकहो ममता केवट पति जीवनलाल केवट के घर में किराया दिखा जाकर किया गया तथा शांति बाई स्वीपर पति गुलाब स्वीपर से उप स्वास्थ्य केन्द्र की सफाई कराने के नाम पर 750 रूपये का फर्जी भुगतान किया। इसी प्रकार उपस्वास्थ्य केन्द्र झगरहा में एएनएम के विभिन्न कार्यो के फर्जी देयक प्राप्त कर 18 हजार 36 रूपये का फर्जी भुगतान किया किया है।
फर्जी व्यय पत्रक दिखाया
उप स्वास्थ्य केन्द्र अमलई सेक्टर-ए के फर्जी 7 हजार 900 का फर्जी भुगतान किया गया है। उप स्वास्थ्य केन्द्र झगरहा में सफाई के नाम पर शिवकुमारी पति ज्ञानी स्वीपर से सप्ताह में 2 दिन सफाई लिया जाता है और हर महीने 200 रूपये के हिसाब से 2 हजार 400 रूपये भुगतान किया जाता है। जबकि आपके राजिस्टर में प्रतिवर्ष 7 हजार 200 रूपये देयकर परित किया गया है। इसी प्रकार उप स्वास्थ्य केन्द्र अमलई-ए में भी सफाई के नाम पर 02 हजार 400 रूपये प्रतिवर्ष के स्थान पर 600 रूपये का फर्जी भुगतान व्यय पत्रक दिखाया गया है।
भुगतान में फर्जीवाड़ा
समुदायिक स्वास्थ्य के बुढ़ार के उप स्वास्थ्य केन्द्र अमलई के सेक्टर डी के एएनएम द्वारा विभिन्न कार्यो के फर्जी देयक 18 हजार 905 रूपये के बिना परीक्षण के भुगतान किया गया है। अधिरोपित अरोप में यह भी बताया गया है अमलई बस्ती एवं रावल मार्केट में नारे लेखन कार्य हेतु जगतराम को 1 हजार रूपये, उप स्वास्थ्य केन्द्र सफाई हेतु 7 हजार 200 रूपये भुगतान किया गया जो कि सही नही है। अपका उक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है और मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत दण्डनीय है। श्री सचिन कारखुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 14 के तहत विभागीय जॉच संस्थित किया जाकर अरोप पत्र जारी कर गवाहो की सूची सलंग्न कर भेजा गया है और आरोप के समय में 15 दिवस के अंदर लिखित प्रतिवाद चाहा गया है।

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