…तो क्या पंचायत में लगे बिलों की होगी जांच

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(अमित दुबे+8818814739)
उमरिया। जिले की बिरसिंपुर पाली जनपद की पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार के कारनामे रुकने का नाम ही नही ले रहे हैं। एक तरफ जनपद विकास के नए आयाम स्थापित करने में लगी है, पर यह चमक वास्तविकता में कितनी है, इसकी जानकारी हैरान करने वाली है। शासन की योजनाओं में पैतरेबाजी करके शासन का पैसा कैसे निकाल लिया जाता है, इसका उदाहरण कई ग्राम पंचायतों में आसानी से देखने मिल जाएगा। खबर है कि ग्राम पंचायत ममान और बेली में ग्राम पंचायत की राशि का आहरण करने के लिए पंचायत के जिम्मेदारों ने वेण्डरों को माध्यम बना लिया।
ऐसे हुआ खेल
विभाग द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए पारदर्शिता प्रणाली के तहत पंच परमेश्वर पोर्टल में ऑनलाइन सिस्टम के द्वारा बिलों के माध्यम से अभिन्न मदों से राशि का आहरण किया जाता है। राशि का आहरण करते समय ऑनलाइन सिस्टम में उस बिल संलग्न किया जाता है जिस बिल का माध्यम से राशि निकाली जा रही है, सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत के कर्मियों द्वारा राशि का फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण की गई है। अगर बिलों की सूक्ष्मता से जांच की जाये तो, दूध का दूध और पानी का पानी होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
तो क्या चोरी की है रेत
खबर है कि रेत का अवैध उत्खनन कर ग्राम पंचायतों में हुए सीसी सड़क निर्माण कार्यों, पुलिया निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्याे में खुलकर प्रयोग किया गया है, बेली व ममान पंचायत सचिव ने वर्ष 2018-19 में जो भी पंचायत में निर्माण कार्य कराये हैं, अगर उनके लिए खरीदे गये खनिज की रॉयल्टी पर्ची वाहन क्रमांक सहित जिले में बैठे अधिकारियों द्वारा मांगी जाये तो, पंचायत के जिम्मेदार की कलई खुलकर सामने आ सकती है।

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