तो क्या…मुख्यालय में बिकी रही अवैध शराब

2 पेटी शराब पकड़ पुलिस ने दिखाई अपनी ताकत
(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। अवैध शराब के विक्रय में न तो आबकारी विभाग प्रतिबंध लगा पा रहा है और न ही पुलिस ही अंकुश लगवा पा रही है, गांव-गांव बेची जा रही अवैध शराब परिवार के परिवार बर्बाद कर लोगों को मौत के मुंह में ले जा रही है, लेकिन अब यह गोरखधंधा शहर में भी शुरू हो चुका है, जानकारों की माने तो मुख्यालय के कई ऐसे ठीहें हैं और पैकारा हैं, जो एक फोन पर शराब उपलब्ध करा रहे हैं। सूत्रों की माने तो इन्हें बीट प्रभारियों का खुला संरक्षण मिला हुआ है, श्यामबाग के पास पूर्व जहां टपरे से ठण्डी बीयर मिल जाती है, इस समय किसी घर से उपलब्ध कराई जा रही है, श्याम बाग की ओर यादव-तिवारी की जुगलबंदी मानी जाती है, खास बात यह है कि अंजान व्यक्तियों को यहां शराब नहीं मिल पाती है, 200 रूपये में ठण्डी बीयर के शौकीन यहां से अपना डेरा जमाये रहते हैं, श्यामबाग के पास तिवारी-यादव की जोड़ी ने कथित लोगों को इस काम के लिए खुली छूट दी हुई है।
थोक में बिकी थी शराब
मंगलवार को मुख्यालय की शराब दुकानों से थोक में शराब बेची गई, शराब बेचने सहित लेने वालों का वीडियों भी वॉयरल हुआ, कोतवाली पुलिस ने अनिल किराना के यहां से छापा मारकर शराब ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से बेची गई शराब को जब्त भी की, लेकिन शराब दुकान द्वारा शराब थोक में बेचने को लेकर न तो पुलिस ने कोई कार्यवाही की, न ही प्रशासन ने इसे संज्ञान में लिया।
2 पेटी में थपथपा ली पीठ
आबकारी विभाग द्वारा ठेकेदार से किए गए अनुबंध पर यकीन करें तो किसी भी शराब दुकान से ग्राहक को 4 बोतलों से अधिक शराब नहीं बेची जा सकती, लेकिन शहडोल में जो खेल खेला गया, वह आबकारी विभाग के साथ जिला प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया, दुकान से ही अवैध रूप से बड़ी मात्रा में शराब बेचे जाने की सूचना देने के लिए दर्जनों बुद्धिजीवियों ने आबकारी अधिकारी ए.के. राजोरिया को दर्जनों फोन लगाएं, लेकिन उन्होंने कोई भी कॉल रिसीव नहीं किया, जिसके बाद कोतवाली पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उसने अजय किराना के मालिक अजय गुप्ता से 2 पेटी शराब जब्त कर अपनी पीठ थपथपा ली।
छुपी नहीं कार्य कुशलता
स्थानीय बुद्धजीवियों की माने तो पुलिस सहित प्रशासन की कार्यवाही की गाज सिर्फ गरीबों पर गिरती है, शराब ठेकेदार द्वारा शहर में खुलेआम थोक में शराब बेचने के बावजूद उस पर कार्यवाही न होना किसी प्रमाण से कम नहीं है, हालाकि कोतवाली पुलिस इतनी लंबी-चौड़ी फोर्स होने के बाद अपनी पूरी ताकत लगाकर दो पेटी शराब जब्त कर अपनी कार्य कुशलता को साबित करने में कोई-कोर कसर नहीं छोड़ी।