दो सेक्टरो की करीब दो दर्जन पंचायतो पर इंद्रजीत का कब्जा
Shrisitaram Patel-9977922638
खुलेआम पंचायतों में मांगते है रिश्वत, एसडीओ और आरईएस के ईई की है कृपा
मूल्यांकन पत्रों की जांच हुई तो सपत्निक इंद्रजीत जायेंगे जेल !
पत्नी के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मूल्यांकन का मामला
जिले के जैतहरी जनपद की दो दर्जन पंचायतों में उपयंत्री इंद्रजीत पटेल की मनमानी का खेल चल रहा है, चंद उपयंत्रियों का संगठन बनाकर इंद्रजीत अनुविभाग और जिले तक के अधिकारियों पर दवाब बनाकर खुद नटवरलाल बने हुए है। बुधवार को जब राज एक्सप्रेस ने इसकी पडताल की तो आधा दर्जन से अधिक पंचायत पदाधिकारियों ने इंद्रजीत के द्वारा अपनी पत्नी श्रीमती रेशमा ङ्क्षसह के नाम पर फर्जी मूल्यांकन प्रपत्र भरने की बात स्वीकारी, यदि श्रीमती की पंचायतों के दस्तावेजों की हस्तलिपी की जांच हो तो दोनो ही को जेल की हवा खानी पड सकती है।
अनूपपुर। जनपद और जिले में बैठे आरईएस के अधिकारियों सहित जिपं के सीईओ से आशीर्वाद प्राप्त कर जैतहरी जनपद के उपयंत्री इंद्रजीत पटेल धोखा-धडी की इबारत लिख रहे है। विभाग द्वारा इंद्रजीत पटेल को लगभग दर्जनभर पंचायतों की जिम्मेदारी दी गई है वहीं श्री पटेल की पत्नी श्रीमती रेशमा सिंह भी जनपद जैतहरी में ही उपयंत्री है। इंद्रजीत की तरह उनके पास भी इतनी ही पंचायतों का जिम्मा है। आरोप है कि श्रीमती रेशमा कभी भी न तो पंचायत मेें जाती है और न ही उनके द्वारा मूल्यांकन पत्रक और तकनीकी स्वीकृति, विभागीय स्वीकृति जैसे दस्तावेजों का निरीक्षण और लिखा पढी की जाती है। जबकि उनके द्वारा प्रतिमाह वेतन अवश्य उठाया जाता है। अब यह बात जनपद पंचायत जैतहरी और आरईएस के जैतहरी अनुभाग में किसी से छिपी नही है। मजे की बात तो यह है कि आरईएस के एसडीओ से लेकर विभाग के कार्यपालन यंत्री और जनपद से लेकर जिला पंचायत के सीईओ के सामने इंद्रजीत अपनी पत्नी के नाम पर खुद सरकारी प्रपत्र न सिर्फ भरते है बल्कि पत्नी के नाम पर खुद हस्ताक्षर भी करते है, लेकिन पंचायतों से निर्माण के दौरान वसूली जा कमीशन के हमाम में इंद्रजीत के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी डुबकी लगाकर इन्हे फर्जी कोरम पूरा करने की छूट दिये हुए है।
इन पंचायतों का है प्रभार
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा इंद्रजीत पटेल को जनपद अंतर्गत सकरा सेक्टर का प्रभार दिया गया है। इसके अंतर्गत बकही, बरगवां, देवहरा, पटनाकला, डोंगराटोला, खम्हरिया, धिरौल, औढेरा, सकरा, चकेठी व बकेली है। वहीं श्रीमती रेशमा सिंह पटेल के पास सेक्टर केल्हौरी की केल्हारी, देवरी, जमुडी, चिल्हारी, मेडियारास, परसवार, दुलहरा, पिपरिया, हर्री, बर्री, सेन्दुरी पंचायते है।
हस्तलिपी पहुंचा सकती है जेल
इंद्रजीत और उनकी पत्नी बीते कई वर्षो से जैतहरी जनपद में पदस्थ है। श्रीमती पटेल की नियुक्ति के कुछ माह बाद से ही शिकायतें आने लगी थी कि वे कभी न तो पंचायत भ्रमण पर जाती है और न ही विभागीय दस्तावेज उनके द्वारा लिखे-पढे जाते है। अर्धांगनी की मदद करना अलग बात है, लेकिन विभागीय दस्तावेजों को लगातार कई वर्षो से खुद भरना और अपनी पंचायतों को छोड दूसरी पंचायतों का मैनेजंमेट देखना और पत्नी के नाम पर खुद हस्ताक्षर करना, खुद के कार्यो और जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने की श्रेणी में तो आता ही है साथ ही यदि शिकायत पर विभाग अधिकारी श्रीमती रेशमा सिंह के प्रभारी वाली पंचायतों के विभागीय प्रपत्रों की हस्तलिपी की जांच कराये तो पति-पत्नी दोनो ही धोखा-धडी और कदाचरण की श्रेणी में जेल की हवा सकते है।
जिम्मेदारो ने खुद उगले राज
इंद्रजीत पटेल और उनकी पत्नी के संदंर्भ में लगातार आ रही शिकायतों बाद जब राज एक्सप्रेस ने श्रीमती रेशमा ङ्क्षसह की कुछ पंचायतों में संपर्क किया तो वहां पदस्थ सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों ने बडी बेकाकी के साथ इंद्रजीत के इस करतूत को सहजता के कबूल किया। लेकिन सवाल यह भी है कि यदि श्रीमती रेमशा ङ्क्षसह की पंचायतों में यदि कोई गडबडझाला होता है तो विभाग कार्यवाही श्रीमती रेशमा ङ्क्षसह पर करेगा या फिर इंद्रजीत पर।
कमीशन पर मूल्यांकन
हर पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य का मूल्यांकन इंजीनियर ही करता है, निर्मित कार्यो को देखकर इंजीनियर गुणवत्ता की पहचान करता है और उसका आकलन करता है। मेजरमेंट वर्क में कार्यो को दर्ज करता है, यदि कमीशन ठीक-ठाक है तो 100 प्रतिशत मूल्यांकन कर दिया जाता है और यदि कमीशन इंजीनियर के मनमुताबिक नही मिली तो मूल्यांकन 80 प्रतिशत से नीचे भी जा सकता है। इस तरह से इंद्रजीत पटेल पंचायतों में वर्षो से कार्यो को अंजाम देता है और उच्चाधिकारी पूर्णरूपेण मेहरबान है।