नरोत्तम के बाद संजय पाठक के अवैध रिसार्ट पर पहुंचा प्रशासनिक अमला @ बांधवगढ़ स्थित साइना इंटरनेशनल रिसोर्ट को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू

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भोपाल। पिछले 3 से 4 दिनों से चल रहे प्रदेश की राजनीति की उठापटक में अब नया दौर सामने आया है, पूर्व सरकार के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा के यहां छापामार कार्यवाही के बाद प्रदेश के उमरिया जिले अंतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में संजय पाठक द्वारा पूर्व में अवैध रूप से बनवाए गए रिसोर्ट पर छापामार कार्यवाही की गई है।

उमरिया कलेक्टर स्वरुचि सोमवंशी प्रशासनिक अमले के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता संजय पाठक के सायना इंटरनेशनल नाम के रिसोर्ट पर तोड़फोड़ की जा रही है, खबर है कि संजय पाठक द्वारा उक्त रिसोर्ट बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत वन भूमि पर अतिक्रमण करके बनाया गया था, यह मामला काफी दिनों से जांच में चल रहा था, जिस पर अभी से कुछ देर पहले कलेक्टर सहित राजस्व और प्रशासनिक अमला वाहनों के साथ वहां पर पहुंचा और उसे तोड़ने की कार्यवाही की जा रही है,

वन व नजूल की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है प्रथम चरण में रिसोर्ट के बाहरी क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों से कार्यवाही शुरू कर दी गई है ताला रोड स्थित चाइना इंटरनेशनल पर यह कार्यवाही अभी जारी है।

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इधर ईओडब्ल्यू ने पूर्व कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा के यहां भी जांच शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में चल रही सियासती उठापटक के बीच ईओडब्ल्यू ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईओडब्ल्यू ने किसानों के नाम पर रतनपुर में खरीदी गई जमीन की जांच दोबारा शुरू दी है। इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को ईओडब्ल्यू के निरीक्षक जितेन्द्र पाठक के नेतृत्व में टीम ने जांच शुरू की है। टीम मिश्रा के गृह नगर डबरा में उनके घर भी पहुंची। इसके अलावा टीम ने उन किसानों से भी पूछताछ की है जिनके नाम पर जमीन खरीदी गई थी। इस मामले में मिश्रा का कहना है कि उन्हें बेवजह से इस मामले में परेशान करने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। दरअसल मिश्रा के करीबी रहे मुकेश शर्मा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी। इस मामले में जांच के दौरान पता चला था कि शर्मा की कंपनियों के खाते से ग्वालियर के डबरा और भितरवार के किसानों के 14 किसानों के नाम पर भोपाल के रतनपुर में जमीन खरीद कर 21 रजिस्ट्रयां एक ही दिन में कराई गई थी। यह जमीन भूमि स्वामी विनोद वेश, विक्की वेश, भरत वेश और यामिनी वेश से खरीदी गई थी। इस मामले में ईओडब्ल्यू प्राथमिकी पहले ही दर्ज कर चुका है। ईओडब्ल्यू को आशंका है कि इन किसानों के नाम बेनामी निवेश किया गया है।

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