नेता को नहीं दिखे मजदूरों के पैरों के छाले और मजबूरी

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नेता को नहीं दिखे मजदूरों के पैरों के छाले और मजबूरी 
नेता ने घर लौट रहे मजदूरों को धक्के  देकर उतरवाया 
रायपुर से सतना लौट रहे मजदूरों के ट्रक से फेंके बैग 
विश्व के सबसे बड़े संगठन पर लगा दिया ग्रहण 
अनूपपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष आधाराम वैश्य का कारनामा 
8 दिनों से पैदल चल रहे मजदूरों को भाजपा नेता ने धक्के देकर उतरवाया 
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से शहडोल, अनूपपुर होते हुए मध्यप्रदेश अन्य प्रांतो में दिहाड़ी मजदूरों की घर वापसी लगातार जारी है, शुक्रवार की सुबह शहडोल के बुढ़ार थाना अंतर्गत सड़क मार्ग से पहुंचे इन मजदूरों को बुढ़ार पुलिस ने ट्रक में पास बनाकर रवाना किया, लेकिन ट्रक मालिक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ने अपने ड्रायवरों से 10 मजदूरों को गालियां व धक्का देकर न सिर्फ उतार दिया, बल्कि उनके बैग भी फेंक दिये। 
शहडोल। चाल-चरित्र और चेहरा के नाम पर फर्श से अर्श तक पहुंची विश्व के सबसे बड़े राजनैतिक दल के जिलाध्यक्ष जैसे पद पर बैठ चुके नेता-व्यवसायी ने शुक्रवार को मानवता के मूल्यों को तार-तार कर दिया। कोयले के काले कारोबार से जुड़े भारतीय जनता पार्टी में अनूपपुर जिले के पूर्व अध्यक्ष आधाराम वैश्य ने पैसों के मद में डूबकर 8 दिनों की पैदल यात्रा कर शहडोल के बुढ़ार में पहुंचे श्रमिकों को ट्रक से धक्के देकर न सिर्फ मानवता का उपहास उड़ाया, बल्कि अपने इस कृत्य से पार्टी की साख पर भी बट्टा लगा दिया।
किराया देकर थे बैठे
शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे छत्तीसगढ़ के रायपुर व इससे सटे क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 8 श्रमिक सड़क मार्ग से पैदल चलते हुए बुढ़ार थाना क्षेत्र के एनएच-43 पर पहुंचे, इससे पहले गुरूवार को अनूपपुर से गुजरने के दौरान उनका चिकित्सीय परीक्षण हुआ, अनूपपुर के चचाई में स्थानीय युवाओं ने उन्हें भोजन कराया था, सुबह अमलाई क्षेत्र के स्थानीय युवाओं ने एनएच पर खड़े दो ट्रक क्रमांक एमपी 65 जीए 1339 और एमपी 65 एच 1339 के चालकों से संपर्क कर बुढ़ार पुलिस के माध्यम से मजदूरों का परिवहन पास बनवाकर सतना जा रही इन ट्रकों में चालकों को रूपये देकर बैठा दिया।
लालपुर के दिया धक्का और फेक दिये बैग 
बुढ़ार पुलिस ने शुक्रवार की सुबह पीडि़त मानवता की सेवा करते हुए कोरोना संकट के दौरान 8 दिनों से पैदल चल रहे मजदूरों के हालत व उनके पैरों में पड़े छालों को देखते हुए कोरोना आवागमन पास बनाकर दिया, जिससे चिकित्सीय परीक्षण से गुजर चुके मजदूर अपने घर पहुंच सके, पुलिस ने जारी पास में श्रमिक जिया लाल, लखनलाल, दयाराम, रोहित, राजकुमार, महेन्द्र, रावेन्द्र, गयाकेवट, देवकरण व जीनेन्द्र निवासी ग्राम बदेरा, जिला सतना को रवाना तो किया, लेकिन महज 2 से 3 किलोमीटर आगे जाने पर चालकों के माध्यम से इसकी जानकारी ट्रक के मालिक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष व कोयला कारोबारी आधाराम वैश्य को लगी तो, उन्होंने दोनों ट्रकों के चालकों को दूरभाष पर ही मजदूरों को धक्के देकर उतरवा दिया, यही नहीं ट्रक में रखे बैग भी फेंक दिये गये। यही नहीं मजदूरों से भाड़े की राशि लेने के बाद भी कथित सफेदपोश ने मानवता को तार-तार कर दिया।
हर दिन लौट रहे हजारो मजदूर 
लॉक डाउन-1 की तुलना में 15 अप्रैल से शुरू हुए लॉक डाऊन-2 में मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला कई गुना ज्यादा दिख रहा है, जिले की सीमाएं सील होने के बाद भी जिले के कई कस्बों से रोजाना सैकड़ों की संख्या में पुरूष, महिला व बच्चे छत्तीसगढ़ से इधर और उधर आ-जा रहे हैं, कोई 6 तो कोई 8 दिन से पैदल चल रहा है, पैरों में छाले, टूटी चप्पलें, पसीने से दुर्गंध मारता शरीर और भूखे पेट इन मजदूरों के लिए जिला प्रशासन ने अभी तक कोई खास रणनीति नहीं बनाई, यह मजदूर पूरी तरह से समाजसेवियों की कृपा पर हैं, इनके क्वांरटीन से प्रशासन और पुलिस परहेज कर रहा है, गंत्व्य तक पहुंचाने की कोई योजना नहीं है, रेलवे लाइन से लौट रहे दो मजदूर बीते दिनों काल का ग्रास भी हो गये। तेज धूप और पेट की भूख अब इनके कदमों को रोकती नजर आ रही है।
यह समय खुद को साबित करने का है: गौतम 
कोरोना जैसी भयंकर महामारी के दौरान जिले में दर्जनों स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अपने नाम और फोटो की ङ्क्षचता किये बिना रसोईयां चला रहे हैं, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश गौतम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह अहं और खुद को बड़ा बताने का समय नहीं है, हमें अपने मन से कुछ करने का समय है, ताकि भविष्य जब हमसे पूछे तो, हम बता सकें कि हमने इस दौरान राजनीति और जातिवाद से उठकर कुछ किया है। आधाराम वैश्य के संदर्भ में हमें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन भूखे पेटों को भरना और मानवीय संवेदनाओं को समझना हम सबकी जिम्मेदारी है।

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