नैतिक ज्ञान जिंदगी भर आता है काम: बियानी

स्कूली छात्रों ने की पशु-पक्षियों के खाने-पीने की व्यवस्था
घर बैठे ऑनलाइन एक्टिविटी के तहत छात्रों को मिल रही नैतिक शिक्षा
(अनिल तिवारी+91 88274 79966)
शहडोल। कोरोना महामारी के चलते स्कूली छात्र अभी घर पर बैठे लॉक डाउन का पालन कर रहे है, परंतु स्कूल की जिम्मेदारी इस दौरान ओर बढ़ जाती है कि वो अपने छात्रों को किताबी ज्ञान से ज्यादा ओर क्या दे सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नगर के माइंड्स आई इंटरनेशनल स्कूल ने ऑनलाइन शिक्षा देना तो प्रारम्भ किया ही, अपितु साथ मे नित नई-नई गतिविधियों से अपने छात्रों को नैतिक शिक्षा देना और प्रेरणा देने से भी पीछे नही रहा।
बच्चे ग्रहण कर रहे नैतिक शिक्षा
स्कूल द्वारा बच्चो को टास्क के रूप में पशु-पक्षियों के लिए अपने घर, बरामदा, बालकनी या छत में पानी एवं खाने की व्यवस्था करने को कहा गया, साथ ही उसकी फोटो खींच कर स्कूल व्हाट्सएप्प में भेजने को कहा गया, जिससे कि उसे पुरस्कार स्वरूप स्कूल के फेसबुक पेज में डाला जा सके। साथ ही बच्चो को एक दायित्व भी दिया गया है कि रोजाना बर्तनों को साफ करके पानी से भरना भी उनकी जिम्मेदारी है। बच्चे इस प्रकार की गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा तो ले ही रहे है, बल्कि इससे नैतिक शिक्षा भी ग्रहण कर रहे है। बच्चो में इसको लेकर काफी उत्साह भी देखा जा रहा है।
हमारा धर्म जीव प्रेम
इस भीषण गर्मी में मनुष्य का कर्तव्य होता ही कि वो अपने आस-पास श्रष्टि से जुड़े हर भाग का ख्याल रखें। इसी शिक्षा को माइंड्स ऑई इंटरनेशनल स्कूल द्वारा गतिविधियों के रूप में छात्रों तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे कि लॉक डाउन की अवधि को सकारात्मक स्वरूप में पूरा किया जाए। स्कूल प्राचार्य अभय बियानी ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में स्कूल का दायित्व बढ़ जाता है कि वो अपने छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा और क्या सीख सकते है। नैतिक ज्ञान उनके जिंदगी भर काम आता है और एक अच्छा मनुष्य बनाने में सहायक होता है। जीव से प्रेम करना हमारा धर्म भी है एवं कर्तव्य भी है।
संस्कार देना सराहनीय
इस प्रकार की ऑनलाइन गतिविधियों से जहाँ स्कूली छात्र स्कूल से दूर होते हुए भी स्कूल से जुड़े हुए है एवं नित्य नई शिक्षा ग्रहण कर रहे है, वही छात्रों के माता-पिता भी इससे काफी खुश है। छात्रों के अभिभवकों का कहना है कि स्कूल की इस प्रकार की गतिविधि से बच्चो को अच्छे संस्कार देने का कार्य सराहनीय है एवं हर अभिभावक को इस प्रकार की गतिविधियों को बच्चो से बढ़-चढ़ कर करवाना चाहिए।