पंडित एस एन शुक्ला विश्वविद्यालय में विश्व धूम्रपान निषेध दिवस पर हुआ आयोजन
शिरीष नंदन श्रीवास्तव 9407070665
आओ ये संकल्प करें धूम्रपान को बन्द करें एनएसएस
शहडोल।पंडित एस एन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल के कुलपति प्रोफेसर मुकेश तिवारी के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई शहडोल के जिला संगठक रासेयो डॉ भरत शरण सिंह, डॉ एम के भटनागर कार्यक्रम अधिकारी रासेयो के मार्ग दर्शन में दलनायक मोहम्मद शेख इकबाल के नेतृत्व में एनएसएस स्वय सेवको ने यह संकल्प लिया की हम अपने परिवार को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया। स्वयं सेवको ने अपने परिवार के साथ साथ अपने अपने गाव को भी नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया और जगह जगह दीवार लेखन , नारे लगाकर और ध्रूमपान निषेध संबधी साहित्य बांटकर लोगो को धूम्रपान न करने की सलाह और शपथ दिलवा यी गई है। विश्व ध्रूमपान निषेध दिवस पर रा से यो के
कार्यक्रम अधिकारी एवं केमिस्ट्री के प्रोफेसर एम के भटनागर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1988 से तंबाखू और उसके सेवन से होने वाले दुष्प्रभवों से समाज और विशेषकर युवाओं को सचेत करने हेतु 31 मई को प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है । प्रतिवर्ष इसकी एक थीम होती है 2020 में इसकी थीम है युवाओं को तम्बाकू इंडस्ट्री के दुुुष्प्रचार से बचाना है। कार्यक्रम अधिकारी डा भटनागर ने बताया कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु तंबाखू के सेवन से होती है ,इसके सेवन से सिर्फ फेफड़े ही नहीं शरीर के समस्त अंग पर दुष्प्रभाव पड़ता हैं।वर्तमान में नशे के नए शौक के रूप में इ सिगरेट का प्रचलन युवाओं में तेजी से बढ़ा है जो बहुत ही हानिकारक है।तम्बाकू एक ऐसा जहरीला प्रदार्थ है, जिसका सेवन हमारे शरीर को खोखला बनाता है यानि तम्बाकू एक ऐसा जहर है जो इन्सान को धीरे धीरे मौत की तरफ ले जाता है पहली बार लोग इसकी शुरुआत शौक बतौर करते तो है लेकिन बाद में यही शौक धीरे धीरे लत में बदल जाता है। नो टोबैको डे का उद्देश्य तंबाखू और इससे बने उत्पादों का उपभोग छोड़ना या कम करना एवं इसके द्वारा शरीर को होने वाले नुकसान और साइड इफेक्ट को लोगों को बताना एवं समझना है। तंबाखू सेवन की लत छोड़ने के लिए नित व्यायाम, योग आदि करना चाहिए, आवला , शतावरी और अश्वगंधा का उपयोग भी सिगरेट और तंबाखू के सेवन को कम करने वा ख़तम करने के लिए किया जा सकता है।
साथ ही *रासेयो दलनायक मोहम्मद इकबाल* कहा की यदि हमें अपने देश नशा मुक्त बनाना है, तो फिर युवाओ को आगे आना पड़ेगा! और एक छोटी सी शुरुआत अब अपने घरों से ही करना होगा की हम अपने परिवार को नशा मुक्त कर के रहेंगे। और फिर अपने गाव, शहर, देश को नशा मुक्त बनाएंगे। नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है, जो कब जीवन में अंधेरा कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा, कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।