परियोजन अधिकारी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर कर स्वयं का टीए बिल आहरित करना पड़ा महंगा
(अमित दुबे-8818814739)
शहडोल। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शहडोल द्वारा शासन विरूद्ध श्रीमती आरती अंबर पत्नी ए0एस0 अंबर उम्र-70 वर्ष, निवासी लवकुश सचदेवा मकान नंबर-277 संजीवनी नगर गढ़ा जबलपुर में आरोपी को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने पूर्व में पारित निर्णय दिनंाक 07 मई 2013 में धारा 409 भादवि के अधीन दिये 3 वर्ष के सश्रम कारावास की पुष्टि करते हुये भादवि की धारा 467,468 भादवि के अपराध का भी दोषी पाते हुये, 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड 468 भादवि के तहत 06-06 माह के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से विश्वजीत पटेल जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की।
यह है मामला
10अप्रैल 1987 को तात्कालीन कलेक्टर द्वारा आरक्षी केंन्द्र शहडोल में लिखित शिकायत की थी कि आरोपी आरती अंबर द्वारा तात्कालीन परियोजना अधिकारी डोकरा जिला ग्रामीण विकास अधिकरण शहडोल के पद पदस्थ रहते हुये गंभीर अनियमितताएं की, शासकीय राशि का गबन एवं पांच भुगतान वाउचरों में हेराफेरी करते हुये कैश बुक में अधिक धन राशि इंद्राज कर, धनराशि को स्वंय प्राप्त किया गया तथा जिले के 8 विकासखंड के 57 महिला संगठनों से सबंधित संगठिकाओं को धोखा देकर उनके साथ संयुक्त बैक खाते खोलकर तथा उनके चैक पर हस्ताक्षर कराकर 1,45,767 रुपये आहरण किया गया है।
03 वर्ष की सुनाई थी सजा
शिकायत के आधार पर थाना कोतवाली में आरोपी आरती अंबर के विरूद्ध धारा 420, 409, 467, 468 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर वाद विवेचना आरोपी आरती अम्बर के विरूद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा धारा 409, 467, 468 भादवि का अभियोगपत्र न्यायालय पेश किया गया। विचार उपरांत अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने पारित निर्णय 07 मई 2013 में धारा 409 भादवि में अपराध प्रमाणित पाये जाने पर अभियुक्ता को 03 वर्ष का कारावास एवं दस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था भादवि की धारा 467,468 का अपराध प्रमाणित न पाये जाने पर दोषमुक्त किया गया था।
न्यायालय ने पाया दोषी
अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित धारा 467,468 भादवि में दोषमुक्ती के निर्णय के विरूद्ध शासन की ओर से अभियोजन द्वारा सत्र न्यायालय शहडोल के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। उक्त अपील को न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुये आरोपी को भादवि की धारा 467, 468 भादवि के अपराध का भी दोषी पाते हुये, धारा 467 भादवि में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड तथा 468 भादवि के तहत 06-06 माह के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।