पहले हुआ बंदरबांट, अब की जा रही लीपापोती जवाबदार मौन, मामला महिला बाल विकास जैतहरी का

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अंगद की तरह पैर जमाये बैठे महिला बाल विकास अधिकारी सतीश जैन के मनमानी का सिलसिला थमने का नाम ही नही ले रहा है। हर फर्जी काम मे निपुण सीडीपीओ सरकारी राषि का दुरुपयोग करने से बाज नही आ रहे है। इनके द्वारा नियमों की होली खेलते हुये जैतहरी अंतर्गत आने वाली 12 आदर्श आंगनबाडिय़ों से पैसे आहरित करवाकर अपने दफतर मे नगद जमा करवा लिया गया और फर्जी बिल कार्यकर्ताओं को कागजी खाना पूर्ति के लिये दे दिये गये वहीं ताजा मामला 10 व 11 फरवरी मे आयोजित प्रशिक्षण का है जिसमे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजरों को जहां एक तरफ पानी भी नसीब नही हुआ लेकिन मामा होटल के खाना, नास्ता, चाय आदि के फर्जी बिल लगाये जा रहे है। पुराने मामले मे ऑडिटर द्वारा पकड़े गये सीडीपीओ अब लीपापोती कर रहे है वहीं डीपीओ और ऑडिटर इन पर कृपा बरसाते हुये मौन धारण किये हुये है।

यह है ताजा मामला
महिला एवं बाल विकास कार्यालय जैतहरी मे दिनांक 10 व 11 फरवरी को प्रधानमंत्री मात्री बंदना प्रषिक्षण का आयोजन किया गया था इस प्रशिक्षण मे उक्त विकास खण्ड की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर षामिल रहीं किन्तु उन्हे खाना, चाय, नास्ता आदि नही दिया गया और भूखे पेट प्रशिक्षण लेने को मजबूर किया गया यह कार्य सीडीपीओ सतीष जैन की मनमानी को दर्षाता है। सूत्रों की माने तो अपने रिस्तेदार मामा होटल से फर्जी बिल मंगा कर खाना, चाय, नास्ता आदि के लिये आवंटित सरकारी राशि का आहरण भी कर लिया जायेगा। कारण यह क्रम अनवरत जारी रहा है। मामा होटल के फर्जी बिल इस कार्यालय के लिये हमेशा उपलब्ध रहते है। यदि बारीकी से मामा होटल फर्म के लगे बिलों, बिल क्रमांक, बिल दिनांक के साथ बिल मे किये गये हस्ताक्षरों की जांच की जाये तब बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मात्री बंदना प्रशिक्षण मे उपस्थित सतीष जैन के अधिनस्थ कर्मचारी भूखे पेट रहकर प्रशिक्षण लेने को मजबूर रही।
ये है 12 आदर्श आंगनबाड़ी जिन पर डल चुका है डाका
महिला एवं बाल विकास केन्द्र जैतहरी अंतर्गत 12 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाये गये है जो क्रमश: मेडिय़ारास, कोलमी, चोलना 4, लपटा 1, बेलिया, सेंदुरी 1, अमगंवा 2, खमरिया, फुनगा 2, मनौरा, सुरसा और बरबस पुर है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रो की सौन्दर्यता, बच्चों को स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण देने के उद्देश्य से सरकार अतिरिक्त राशि की पहली किस्त 50,000 के रुप मे संचालित इन 12 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते मे डाली थी। और इस राषि से कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी परिषर मे खर्च करना बताया गया था लेकिन सरकारी राशि पर गिद्ध की दृष्टि जमाये बैठे सीडीपीओ ने सीधे तौर पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को उक्त राशि को खर्च करने से रोक दिया और खातों से पैसे एक मुस्त आहरित करवाकर सीडीपीओ कार्यालय जैतहरी मे जमा करवा लिया गया है। और अब आदर्श आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं को फर्जी बिल वितरित किये जा रहे है।

व्यक्ति एक बिल अनेक
आदर्श आंगनबाड़ी के आवंटित 50,000 की राशि को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से उनके खातों से आहरित करवा अपने पास मंगवाने वाले जिम्मेदार अधिकारी अब एक व्यक्ति से कार्य करवा कई फर्मो के नाम बिल लगवा रहे है। इम्तियाज पेंटर, विद्या कंस्ट्रक्सन, बाबू इलेक्ट्रिसीयन, दीप जनरल स्टोर सभी संचालित संस्था शहडोल के नाम बिल कार्यकताओं को जबरिया दिये गये है। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि ये सभी फर्म मे कार्य करने वाला व्यक्ति एक ही है। जानकारो का कहना है कि फर्जी वाड़े का अनदेशा इस बात से भी लगाया जा सकता है क्या अनूपपुर जिले मे ऐसी फर्मे नही है जो इन आंगनबाड़ी केन्द्रो पर सरकारी मनसा अनुरुप कार्य करने मे सक्षम हों।

मिलीभगत का अनदेशा
महिला एवं बाल विकास अधिकारी की कार्यप्रणाली और मनमाना रवैया इस ओर संकेत करता है कि उन पर अधिकारियों की पूर्ण कृपा बनी हुई है जानकारों की माने तो आदर्ष आंगनबाड़ी, मंगल दिवस आदि के पैसों मे हुई हेराफेरी कुछ समय पूर्व आई ऑडिटर की टीम द्वारा पकड़ी गई थी और उसी समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से यह अवगत कराया गया था कि कार्यकर्ताओं से ऑडिटर को पैसे देने है बता 2,000 रुपये मांगे जा रहे है इसकी सच्चाई जांच से ही सामने आ सकती है पर जांच कर्ता ही शक के दायरे मे घिरा नजर आता है।

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