प्रमोद को प्लांट ने भाड़े की खैरात में दे दिये करोड़ों

संजय गांधी की दर 225 रूपये, अमरकंटक ने खर्च किये 44 रूपये
कोल व्यवसायी को फायदा पहुंचाने और कमीशनखोरी के लिए 5 गुना अधिक में ठेका
कोयले की ढुलाई आड़ में अधिकारियों-ठेकेदार ने छानी मलाई
(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। कोयले के काले कारोबार का चि_ा परत-दर-परत खुलकर सामने आ रहा है, प्रमोद जैन की ऑयरन इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड कंपनी ने संजय गांधी के अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रूपये की कोयले की हेराफेरी तो की ही, साथ ही कथित व्यवसायी को फायदा पहुंचाने और रिश्वतखोरी के लिए अधिकारियों ने कोयले की ढुलाई में भी 5 गुना अधिक की राशि का ठेका खैरात में शासकीय राशि की होली खेलनी के लिए दे दी। प्रदेश सरकार के दो बिजली कारखानों ने समानान्तर दूरी के लिए कोयला ढुलाई का जो ठेका दिया, उसमें बहुत अंतर है। कुल मिलाकर भ्रष्टाचार करने के लिए संजय गांधी के अधिकारियों ने शायद प्रदेश के अन्य बिजली कारखानों को पीछे छोड़ दिया।
5 गुना अधिक में दिया ठेका
संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना ने वर्ष 2018 में एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र के अमलाई ओसीएम से कोयला खरीदा था, जिसकी ढुलाई का ठेका छत्तीसगढ़ के कोल व्यवसायी प्रमोद जैन की फर्म को अमलाई सायडिंग तक 7 किलोमीटर की दूरी के लिए 225 रूपये प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से 5 करोड़ 40 लाख रूपये में दे दिया। यह पूरा खेल कोल व्यवसायी को उपकृत करने के साथ ही कमीशनखोरी के लिए खेला गया।
अमरकंटक ने दिये 44 रूपये
अमरकंटक ताप विद्युत गृह परियोजना चचाई व संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना बिरसिंहपुर पाली प्रदेश सरकार के ही उपक्रम है, जो कि ऊर्जा विभाग के दायरे में आते हैं। अमरकंटक पॉवर प्लांट ने अमलाई ओसीएम से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित संगमा सायडिंग में कोयले की ढुलाई का ठेका 44 रूपये प्रति मैट्रिक टन में दिया, जबकि संजय गांधी के अधिकारियों ने अमलाई ओसीएम से अमलाई सायडिंग तक 7 किलोमीटर की दूरी तक की ही दूरी के लिए 225 रूपये प्रति मैट्रिक टन का ठेका प्रमोद जैन की कंपनी को देकर न सिर्फ आर्थिक अनियमितताएं की, बल्कि शासन के खजाने में भी सेंध लगाने का काम किया।
खैरात में दिये 181 रूपये
कोयले की ढुलाई के लिए जहां अमरकंटक पॉवर स्टेशन ने 44 रूपये प्रति मैट्रिक टन की राशि खर्च की, वहीं संजय गांधी के अधिकारियों ने 225 रूपये का ठेका दे दिया, जबकि अमलाई ओसीएम से अमलाई सायडिंग की दूरी 7 किलोमीटर है, वहीं अमलाई ओसीएम से संगमा सायडिंग की दूरी 7 किलोमीटर कुल मिलाकर संजय गांधी के अधिकारियों ने 181 रूपये प्रति मैट्रिक टन कोयले की ढुलाई के लिए प्रमोद जैन को राशि खैरात में बांटकर रिश्वतखोरी की।
एसईसीएल को भी पछाड़ा
सोहागपुर की विभिन्न कोयला खदानों से रेल मार्ग से कोयला भेजने के लिए एसईसीएल के द्वारा वाहनों के माध्यम से कोयले की ढुलवाई कई वर्षाे से कराई जा रही है, जिसके लिए जो दर एसईसीएल ने निर्धारित की है, वह 30 रूपये से 42 रूपये तक पहले थी, टेण्डर के दौर में वर्तमान समय में 20 से 25 रूपये प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से एसईसीएल ट्रांसपोर्टरों को कोयले की ढुलाई के लिए भुगतान करता चला आ रहा है, संजय गांधी ने अमरकंटक के बाद एसईसीएल को भी पछाड़ते हुए भ्रष्टाचार की नई इबारत कोयले की ढुलाई के नाम पर लिख डाली और प्रमोद जैन को महज अपने स्वार्थ के लिए फायदा पहुंचाया गया, ताकि कथित व्यवसायी से कमीशन की राशि आसानी से पीछे के रास्ते पहुंच सके।
बंद पड़ी इकाई, आज पहुंचेगी हाई पॉवर कमेटी
रविवार की रात से बंद पड़ी 500 मेगावॉट की इकाई मंगलवार की शाम तक शुरू नहीं हो पाई, क्लिंकर में मिलावटी कोयले के चलते खराबी आ जाने के चलते यूनिट ठप्प पड़ी हुई है, दो दिनों में भी अधिकारी उसे सुधार नहीं सके। बुधवार को विधानसभा की हाई पॉवर कमेटी पॉवर प्लांट के दौरे पर पहुंचेगी, जिसको लेकर अधिकारियों में दहशत भी बनी हुई है। वहीं कोयले की ढुलाई के नाम पर किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में जब संजय गांधी के एस.के.जैन के अलावा प्लांट के मुख्य अभियंता व्ही.के. कैथवार से संपर्क किया गया तो, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।