फिल्टर प्लांट की मोटर खराब होने से वाटर सप्लाई ठप्प

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                                                                                                                           बूंद-बूंद पानी को तरस रहे धनपुरी नगरवासी

शहडोल। कोल इंडिया कंपनी को हर साल अरबों रुपए का राजस्व देने वाली धनपुरी कोयला नगरी आज बूंद बूंद पानी को तरस रही है। जबकि बुनियादी सुविधाओं की जिम्मेदारी पूरी तरह एसईसीएल महाप्रबंधन की है। यही नहीं यहां एक सक्षम नगरपालिका भी है जो नगर विकास के साथ ही नागरिक सुविधाओं के लिए जिम्मेदार है। दो दो धनमानी संस्थाओं के जिम्म जो नगर हो उसकी इतनी दुर्दशा हो यह समझ के परे है। ऐसी हालत में नागरिकों का त्रासमान निस्संदेह गंभीर लापरवाही का नतीजा है। बताते हैं कि मोटर खराब होने के कारण पेयजल की आपूर्ति में दो दिन से बाधा उत्पन्न हो रही है। करोड़ों रुपए का फिल्टर प्लांट सफेद हांथी साबित हो रहा है।

हैण्डपंप बने सहारा, बुझा रहे प्यास

धनपुरी नगरपालिका में पानी सप्लाई के लिए लगी मोटर में खराबी आने के चलते नगर में जल प्रदाय व्यवस्था ठप्प हो गई है। आलम ये है कि नगर में पानी सप्लाई ठप्प होने से पानी का घोर संकट झेलना पड़ रहा है। नव वर्ष के दिन की शुरआत ही लोगो को समस्याओं के साथ करना पड़ा। सुबह से ही हैंडपंपों पर पानी लेने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी। बच्चों और महिलाओं की लाइन लग गई, नगरपालिका द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था कें रूप में पानी के टैंकर से पानी सप्लाई की गई। जो लोगो के लिए पर्याप्त नही रहा , लोगों का आरोप है कि पेयजल आपूर्ति सुचारु कराने के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, परंतु अब तक उनकी समस्या का निदान न हो सका। इससे लोगों में विभाग के प्रति काफी आक्रोश है। नगर की पेयजल व्यवस्था सुचारु बनाने के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, परंतु समस्या का स्थाई समाधान न हो सका।

मूलभूत सुविधाओं के पड़े लाले

नगरपालिका धनपुरी के वार्ड नं 5 विलियस नं 1 के रहने वाली विमला वर्मा ,कमला वर्मा सहित अन्य ग्रहणी महिलाओ का कहना था की लोगो के दिन की शुरआत ही पानी से होती है। वही उन्हें सुचारू नही मिल रहा है। पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई समुचित रूप से नही हो रही है। जिससे गृहणी महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं का आरोप है कि नगरपालिका द्वारा हर वर्ष मोटर रिपेयर के नाम पर लाखों खर्च किया जाता है। धनपुरी सबसे धनी नगरपालिका है यहां पानी सप्लाई के लिए हाईटेक मोटरे लगाई गई है। बाबजुद इसके अक्सर मोटर खराब हो जाने से नगर में पानी सप्लाई ठप्प हो जाती है। जिससे हम ग्रहणी महिलाओं को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पडता है।

सफेद हाथी साबित हो रहा फ़िल्टर प्लांट

कई वर्षों से शुद्ध पेयजल को लेकर आवाज उठाई जा रही थी और 2017 में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत शुद्ध पेयजल को लेकर धनपुरी नगर में लगभग 17 करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट का काम भी शुरु किया गया जो 2022 में लगभग पूरा भी हो चुका है। बाबजुद इसके आज भी नगर के लोगो को पानी उपलब्ध नही हो पा रहा है। वार्ड क्रमांक 17 में फिल्टर प्लांट का निर्माण भी कराया गया है। लगभग 6 पानी की टंकी बनाई गई है और जहां से फिल्टर का पानी सभी वार्डों में सप्लाई किया जाएगा। नगर में विकास को लेकर पूर्व में कई काम किए गए लेकिन इन कामों के साथ लोगों को सबसे बड़ा इंतजार शुद्ध पानी को लेकर था। क्योंकि कोयला खदान होने के कारण यहां पर जिस पानी की सप्लाई होती है उसमे शुद्धता की मात्रा काफी कम थी।

 पाइप लाइन का काम अधूरा

वर्ष 2017 में में शुरू हुई इस योजना के तहत नगर के समस्त वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाना था, जो अब तक पूरा नही हो सका। जिससे 17 करोड़ के लागत से बना फ़िल्टर प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहा है। पाइप लाइन के विस्तार के बिना पेयजल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है। वही आम जन की इस समस्या को लेकर नगरपालिका के जिम्मेदारों से संपर्क करने की कोशिस की गई लेकिन कुछ से तो संपर्क नही हो पाया और कुछ ने तो इस मामले में कुछ कहने से बचते रहे।

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