बन्द पड़ी खदान से कोयला निकलते युवक गिरा, हुई मौत

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Ajay Namdev- 7610528622

अनूपपुर। बुधवार दोपहर 3 बजे के करीब हुआ बड़ा हादसा बन्द पड़ी ओ सी एम खदान से कोयला निकलते हुए । जब युवक कोयले से भरी बोरी को लेकर उपर की ओर आ रहा था तभी युवक का पैर फिसला और युवक बोरी समेत नीचे की ओर फिसलते हुए गिर गया जिस दौरान मौके में ही युवक की मौत हो गई।जिसका नाम  लक्ष्मण तिवारी पिता गिरजा  प्रसाद तिवारी 30 वर्ष जमुना निवासी बताया जा रहा है। उसकी मौके पर हुई मौत से सनसनी मामला यह है कि प्रतिदिन कोयला निकलेने का काम करता था इस हादसे के बाद मौके पर भालूमाड़ा पुलिस पहुँची और युवक के शव को निकलवाया। हालांकि इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है जमुना कोतमा मे स्थित सी एच पी और ओ सी एम ग्राम पंचायत हरद से लगी हुई बंद खदान में कोयले का अवैध खनन जोरों पर है। जहां इस धंधे से कोल माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को रोजाना लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अवैध खनन को रोक पाने में खनन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है। यहां कोयले की अवैध खुदाई होती है। बताया जाता है कि प्रतिदिन सैकड़ों मीट्रिक टन कोयले की निकासी की जाती है। बंद खदान में चट्टान के नीचे सुरंग बनाकर तथा कूपनुमा गढा खोदकर कोयला निकला जाता है। जिस कारण खदान बने गड्ढे में कभी भी जान माल की क्षति हो सकती है। हालांकि समय-समय पर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस अभियान चलाती रही है। मगर आजतक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से बिना डर-भय के यह कार्य चलते रहता है।

जहां एक ओर कालरी प्रबंधन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए यह कह रहा कि उनके द्वारा बंद कोयला खदानो व संचालित अवैध खदानो को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती मौके पर की गई है वहीं असलियत यह है कि प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में मजदूर दैखल बंद पड़ी खदान तथा नदिया टोला के खदान से सैकड़ो बोरी कोयले का उत्खनन कर इसे औने-पौने दामों में कोयला चोर गिरोह को बेचकर अपनी आजीविका का साधन बनाए हुए हैं।

आये दिन हो रही दुर्घटनाए

पूर्व में भी कई बार दैखल बंद खदान में कोयला चोरी के दौरान मजदूर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं और पुनः यहां पर चोरी का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जिससे ऐसा लग रहा है कि यदि यहां जल्द ही सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए तो इसकी कीमत मजदूरों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ सकती है। बिना सुरक्षा साधनो के मजदूरों द्वारा 50 से 100 फिट गहरे इन अवैध कोयला खदानो में घुसकर कोयले का उत्खनन किया जाता है और यदि किसी दिन चट्टाने दरकी तो मजदूरों की मौत भी इससे हो सकती है।

इस तरह की जा कोयले की चोरी

बता दें कि इस खदान से निकाले गए कोयले को साइकिल व बाइक पर लाद कर दूरदराज के इलाकों में बेचा जाता है। राहगीरों का कहना है कि अवैध कोयले की ढुलाई इस कदर बढ़ गई है सड़कों पर दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। वहीं जानकारों की माने तो इस धंधे में पुलिस प्रशासन से लेकर छोटे मोटे नेता भी शामिल हैं। जिस कारण कोयला माफिया धड़ल्ले से कोयले की चोरी कर मालामाल हो रहे हैं।

सुरक्षा पर प्रस्न चिन्ह 

जिस मामले पर स्थानीय कालरी प्रबंधन कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं कर रही है। जिसके क ारण प्रतिदिन यहां दर्जनो मजदूरो के सहारे अवैध उत्खनन का कार्य कोल माफियाओं के द्वारा कराया जा रहा है।ऐसी स्थिति में प्रबंधन की भी जिम्मेदारी होती है कि उनकी सुरक्षा के प्रति ध्यान रखा जाए।

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