ब्यौहारी एसडीएम पर रिश्वत लेने के आरोप
2 लाख नगदी और 15 के जेवरातों का सौदा
(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। पैतृक संपत्ति का विवाद ब्यौहारी से अब राजधानी पहुंच गया है, पीडि़त विवेक कुमार सोनी और विनीत कुमार सोनी ने सीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों और चुनाव आयोग में ब्यौहारी में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पी.के. पाण्डेय पर रिश्वत लेकर आदेश देने और विवादित भूमि व भवन में प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों रूपये के सौदे का आरोप लगाते हुए आचार संहिता के दौरान ऐसे कृत्य करने पर उनके खिलाफ कार्यवाही और हटाने की मांग की है।
एसडीएम ने कर रखा परेशान
शिकायत में पीडि़तों ने आरोप लगाया कि उनके बाबा परमेश्वरदीन सोनी की पैतृक संपत्ति का विवाद उनके पिता विनोद कुमार सोनी के साथ चल रहा है, जिसका प्रकरण एसडीएम कोर्ट में लंबित है, बावजूद उसके एसडीएम ने पूर्व में अनियमित रूप से कार्यवाहियां की, जिसके चलते उन्हें क्रमिनल निगरानी दायर करनी पड़ी, जिस पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की गई अनियमित कार्यवाहियां भी पाई गई।
2 लाख में दिया आदेश
एसडीएम ब्यौहारी के ऊपर आरोप है कि पीडि़तों के पिता विनोद कुमार सोनी से उनके मधुर संबंध है, जिसके चलते माता-पिता को भरण-पोषण व मेटेनेंस का आदेश 2 लाख रूपये की रिश्वत लेकर उनके पिता के पक्ष में कर दिया, जिसमें 48 हजार रूपये मासिक निर्धारित किया गया है। यह सब कार्यवाहियां एसडीएम के द्वारा एक सप्ताह के भीतर कर दी गई।
मिलेगी 15 लाख की चढ़ोत्तरी
विवादित भवन और मकान में प्रवेश दिलाने के लिए विनोद कुमार सोनी और एसडीएम पी.के. पाण्डेय के बीच 15 लाख रूपये के लेन-देन का सौदा भी हुआ है, शिकायत में उल्लेख है कि पी.के. पाण्डेय के पुत्र के विवाह में एसडीएम को विनोद कुमार सोनी के द्वारा 15 लाख रूपये के सोने-चांदी के जेवरात भी दिये जायेंगे।
जेल भेजने की धमकी
पीडि़तों ने आरोप लगाया है कि एसडीएम ब्यौहारी पी.के. पाण्डेय के द्वारा निर्वाचन काल के दौरान जेल भिजवाने की भी खुलेआम धमकी दी जा रही है साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि आचार संहिता प्रभावशील है, जेल गये तो सड़ते रह जाओगे, जमानत तक नहीं हो पायेगी। अपने पद के दुरूपयोग का भी आरोप एसडीएम पर लगाया गया है।
कठोर कार्यवाही की मांग
सीएम सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं चुनाव आयोग से पीडि़तों ने प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा किये जा रहे इस कृत्य के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है, साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि उक्त अधिकारी चुनाव अवधि के दौरान लोकशांति कायम रखने के योग्य नहीं है, वह अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर षड्यंत्र के तहत उन्हें घर से बेघर और हवालात तक पहुंचा सकता है।
इनका कहना है…
आरोप तो कोई भी कुछ भी लगा सकता है, सिद्ध करना बड़ी बात है, जो भी काम किया गया है, वो नियमों और कानूनों के तहत हुआ है।
पी.के.पाण्डेय
एसडीएम, ब्यौहारी