भाजपा को भारी पड़ सकती है नेताजी की गुटबाजी
वरिष्ठो सहित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, पूर्व में लग चुके गद्दारी के आरोप
(Amit Dubey-8818814739)
अनूपपुर। विधायक बिसाहूलाल सिंह के कांग्रेस तथा विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उप चुनाव की संभावना को देखते हुए भाजपा तथा कांग्रेस कमर कस कर मैदान में उतरने को तैयार है। विश्वनाथ सिंह, उदयभान सिंह , ममता सिंह के बाद कांग्रेस खेमे से आईएएस अमर पाल सिंह, डिण्डोरी एसडीएम रमेश सिंह के नाम पर भी अटकलें लगाई जा रही हैं । जिला इकाई भंग कर जिलाध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल को नयी कार्यकारिणी बनाने के लिये फ्री हैण्ड दिया गया है। सोशल मीडिया में बिसाहूलाल सिंह को बिकाऊ तथा गद्दार बतलाने की होड़ सी लग गयी है। बिकाऊ या टिकाऊ का नारा देकर कांग्रेस यदि अमरपाल सिंह या रमेश सिंह जैसे युवा चेहरे पर दांव खेलती है तो भाजपा के लिये अनूपपुर सीट खतरे में होगी।
कागजों में हो रहे पार्टी कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी में पहले के संगठन महामंत्री जितेन्द्र लटोरिया का दूसरा कार्यकाल विवादों मे रहा है। उनके दबाव में भाजपा में बृजेश गौतम को तीसरी बार अध्यक्ष बना कर पार्टी कार्यकर्ताओं पर थोप दिया गया, तीसरी बार अध्यक्ष बने बृजेश की अध्यक्षी चाटुकारों के साथ अमरकंटक चौराहे के एक होटल तक सीमित रह गयी है। एक कद्दावर नेता के अनुसार पार्टी की बैठकों में वरिष्ठ नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को बुलाने की परंपरा समाप्त हो गयी है। पार्टी के कार्यक्रमों की कागजी कार्यवाही तो होती है,जमीन पर कुछ भी नहीं है।
धूमिल हो रही पार्टी की छवि
कोतमा के एक पूर्व महामंत्री ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि भाजपा में वरिष्ठ नेताओं एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर गौतम चार यार की मयकारी वाली अध्यक्षी कर रहे हैं। यह पार्टी की छवि को बहुत नुकसान पहुंची रही है। खबर है राजनगर चौकी मे लाकडाऊन में पकड़े गये 80 जानवरों के मुख्य तस्कर को बचाने के लिये बोली पांच लाख तक लगाई गयी। कोतमा के पूर्व विधायक, राजनगर के कुछ नेताओं तथा अन्य बुद्धजीवियों के दबाव में दलाली फेल हो गयी तो, एक गरीब केवट को बलि का बकरा बना दिया गया।
कमजोर कर रहे संगठन
उप चुनाव के लिये संगठन महामंत्री सुनील महाजन अनूपपुर , जैतहरी, फुनगा, पसान ,चचाई मे कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। जिसकी सूचना तक पार्टी के समर्पित वरिष्ठ नेताओं को नहीं दी गयी, जिला मुख्यालय के एक वरिष्ठ नेता ने संगठन में शिकायत की है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष संगठन मे स्वयं गुटबाजी करके कमजोर कर रहे हैं। वो स्वयं को कोतमा का अगला विधानसभा प्रत्याशी बता कर सिर्फ कोतमा तक ही सीमित हैं।
पूर्व में हुई थी गद्दारी की शिकायत
2018 तथा 2013 के चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध काम करने की शिकायत पहले भी की गयी है, 2013 में राजेश सोनी ने तथा 2018 मे दिलीप ने चुनाव हारने के बाद पैसा खाने तथा गद्दारी करने की शिकायत की थी। पसान के शिवहरे भी 48 लाख रुपये जबरन वसूल लेने की शिकायत करते देखे गये थे। पसान, जैतहरी, कोतमा, बिजुरी के चुनाव में पैसे का मामला किसी से छुपा नहीं है। उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष नन्दकुमार चौहान, भूपेन्द्र सिंह इनसे इतने नाराज थे कि भविष्य के सभी चुनाव से इन्हे दूर रखने का निर्देश दे चुके थे, लेकिन संगठन मंत्री के दबाव में दागी को अध्यक्ष की कमान देकर भाजपा को खतरे में डाल दिया गया।
खतरे की बजने लगी घंटी
राजेन्द्रग्राम के एक पूर्व मण्डल अध्यक्ष ने शिकायत की है कि दो बार के पूर्व विधायक सुदामा सिंह को जिलाध्यक्ष सूचना नहीं देते, ना बात करना पसंद करते हैं। अनूपपुर में दो दिन पहले हुई बैठक की सूचना भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल को नहीं दी गयी। बैठकों मे रामलाल की उपेक्षा बिल्कुल आम बात है। अनूपपुर विधानसभा में अगर यही हाल रहा तो, आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बीच आन्तरिक गुटबाजी के कारण पराजय का खतरा मंडराने लगा है। जिलाध्यक्ष के आचरण पर ही गंभीर सवाल पार्टी के भीतर से उठने के कारण यह चुनाव खतरे में दिख रहा है ।