भाजपा में एक दूसरे को प्रमोट और मण्डल की बैसाखियों से जिलाध्यक्ष बनने की क़वायद शुरू

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एक दूसरे को प्रमोट करने की भाजपा में नई परंपरा
एक-दो दिनों में चुने जाएंगे मंडल अध्यक्ष

                (शम्भू यादव @9826550631)

शहडोल। भारतीय जनता पार्टी में संगठन के चुनाव को लेकर सुगबुगाहट के बाद संगठन मैं बैठकों का दौर शुरू हो गया है,आज बुढार और खैरहा मंडल के लिए अलग-अलग स्थानों पर बैठकर होनी है, जिसमें संगठन के सभी पदाधिकारी अपनी अपनी राय रखेंगे और उसी के आधार पर आने वाले दिनों में मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां होनी है। मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों के बाद ही जिला अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने हैं,कहने को तो पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न होनी है, लेकिन सत्ता से जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के संगठन की रीढ़ डगमगाने लगी है,पूर्व के कार्यक्रमों में जहां सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंचते थे, सत्ता हाथ से जाने के साथ ही अब इन कार्यक्रमों में गिनती के लोग ही पहुंच रहे हैं, मजे की बात तो यह है, कि अब खुद जिलाध्यक्ष भी यहां के कार्यक्रमों में न पहुंच कर सभी कार्यों में व्यस्त रहते हैं।

इधर संगठन के चुनावों की प्रक्रिया तेज होने के बाद से अपने अपने गुटों को संगठन में पद दिलाने व हावी होने के लिए होड़ मची हुई है, भाजपा में जो नई परंपरा इस बार देखने को मिली उसमें कार्यकर्ता और पूर्व के पदाधिकारी पदों को पाने के लिए नई रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिसमें एक दूसरे को प्रमोट करने की नई परंपरा सामने आई है,बुढ़ार मंडल के रुंगटा कालरी में रहने वाले भाजपा नेता कामाख्या के द्वारा बीते दिनों सोशल मीडिया में भाजपा जिला महामंत्री राकेश पांडे के नाम की एक पोस्ट डाली गई, जिसमें उन्हें शहडोल जिला अध्यक्ष के लिए बधाई दी गई,हालांकि तीन लोगों की प्रतिक्रिया आने के बाद यह पोस्ट फेसबुक से हटा दी गई, लेकिन उसके बाद बुढार मंडल अध्यक्ष के लिए जिस तरह राकेश पांडे के अलावा रविकांत चौरसिया और भाजपा जिला अध्यक्ष ने कामाख्या का नाम प्रस्तुत किया, उससे यह साफ हो गया कि एक गुट बनाकर एक दूसरे के नामों को आगे लाने की नई परंपरा भाजपा में भी शुरू हो गई है।

इधर नए संगठन मंत्री के आने के बाद से भाजपा को नई शक्ति देने के लिए संगठन ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन खबर यह भी है कि लंबे अरसे तक भाजपा के जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही धनपुरी नगरपालिका 5 सालों तक कब्जा रखने वाले इंद्रजीत सिंह छाबड़ा के ऊपर नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण वे खुद की व्यस्तता बता कर व्यवस्था से खुद को किनारे खड़ा कर, मोहरों के माध्यम से शहडोल की भारतीय जनता पार्टी का संचालन करना चाहते हैं।

यही कारण रहा कि उनके सबसे खास सिपहसालार राकेश पांडे जो उनके नगरपालिका के कार्यकाल के दौरान करोड़ों के कार्य भी करते रहे, उन्हें उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष के लिए प्रमोट किया जा रहा है,हालांकि संगठन जिले की जिम्मेदारी किसे देता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन उक्त पद पाने के लिए अभी से ही रणनीति बनने लगी है, जिसके तहत मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां पहली सीढ़ी मानी जा रही है,आज बुढ़ार और खैरहा और उसके बाद अन्य मंडलों के अध्यक्षों के लिए भी नियुक्तियां होने की प्रक्रिया व बैठकें आयोजित होनी है।

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