भ्रष्टाचार में डुबकी लगा रहे सहायक अभियंता

पांच सालों से ठेकेदारो से मिलकर शासन को लगा रहे चूना
तबादला नही हुआ तो चुनाव को कर सकते है प्रभावित
विद्युत वितरण केन्द्र में पदस्थ सहायक अभियंता दिनेश तिवारी पर भाजपा नेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए तबादले की मांग की है, अगर समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया गया तो अनूपपुर उपचुनाव में कथित अधिकारी चुनाव को भी प्रभावित कर सकता है, ठेकेदारो के साथ मिलकर शासन के खजाने में भी सेंध लगाई जा रही है।
अनूपपुर। भाजपा नेता कैलाश प्रसाद पटेल ने अधीक्षक यंत्री को दी गई शिकायत में विद्युत वितरण केन्द्र चचाई व जैतहरी में पदस्थ सहायक अभियंता दिनेश तिवारी के विरूद्व गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल उनका तबादला अन्यंत्र करने की मांग की है। कथित अधिकारी पर आरोप है कि ग्रामीणों व किसानों से बिना रिश्वत लिये वह कोई काम नही करते, इसके अलावा ठेकेदार से सांठ-गांठ करके शासकीय राशि का भी दोहन उनके द्वारा किया जा रहा है।
अंगद की पाव की तरह जमें दिनेश
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सहायक अभियंता दिनेश तिवारी बीते पांच सालों से जैतहरी व अनूपपुर में अंगद की पांव की तरह जमें हुए है और भ्रष्टाचार में लीन है, इस बात की गई बार शिकायतें भी हुई, लेकिन राजनैतिक रसूक व नौकरशाहों के बीच पकड के चलते उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई।
रिश्वत लेकर करते है काम
दिनेश तिवारी के चलते पूरी विद्युत व्यवस्था चरमराई हुई है, अगर कोई ग्रामीण व किसान शिकायत करता है तो वह सीधे पैसो की मांग करते है, जिसने पैसा दे दिया, उसका काम हो जाता है और अगर किसी ने पैसा नही दिया तो उसे परेशानियों का सामना करना पडता है, केवल पैसे देने वालों के ही काम दिनेश तिवारी के साथ किये जाते है, बाकी शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता है।
चुनाव कर सकते है प्रभावित
भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि पांच सालों से एक ही पद पर पदस्थ दिनेश तिवारी को अगर जल्द ही हटाया नही गया तो, आगामी उपचुनाव में वह दल विशेष को फायदा पहुंचाने का काम करेंगे, जो कि चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत है, भाजपा नेता कैलाश प्रसाद पटेल ने तत्काल प्रभाव से निदेश तिवारी की तबादले की मांग की है।
ठेकेदारो से सांठ-गांठ
अपनी पदस्थापना से लेकर कथित अधिकारी ने जमकर भ्रष्टाचार किया, ठेकेदारो से सांठ-गांठ जगजाहिर है, प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित किये गये बजट का बंदरबंाट भी अधिकारी और ठेकेदारो ने जमकर किया। नतीजा यह निकला कि पूरे क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था चौपट हो गई है।
कार्यालय से रहते है नदारत
ग्रामीण क्षेत्र के लोग अगर शिकायत लेकर विद्युत वितरण केन्द्र पहुंचते है तो कथित अधिकारी कार्यालय से नदारत रहते है, जिससे किसानों और ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पडता है, इतना ही नही कथित अधिकारी के कारनामें के चलते विभाग के छोटे कर्मचारी भी खासे परेशान रहते है।