मध्यप्रदेश की शराब के नशें में छत्तीसगढ़ की जनता, अवैध पैकारी में अधिकारी नही लगा सके अंकुश

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मध्यप्रदेश के सीमा से लगे जिलोंं से छत्तीसगढ़ तक शराब माफियों द्वारा अवैध रूप से बडी मात्रा में शराब पहुंचाई जा रही है। भले ही छत्तीसगढ़ में शराब न मिल पर शराब की कमी की पूर्ति शराब माफियों द्वारा आसानी से कर दी जाती है। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अनूपपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे राजनगर और बिजुरी से बडी मात्रा मे अवैध शराब की खेप चार पहिया वहनों से भेजी जाती है। साथ ही शराब के परिवाहन का धंघा करने वालो ने पैकारी के लिये बैल गाडी का सहारा भी लेने लगे है। अवैध शराब पर शिकायत के बावजूद भी शराब ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं की जा रही।

डोला। कलेक्टर अनूपपुर द्वारा अवैध रूप से बेची जा रही शराबों पर सख्त कार्यवाही करने के लिए अबकारी विभाग व पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं। जिसमें कोयलांचल क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्यवाही करने के लिए कहा गया है लेकिन कलेक्टर के आदेश भी राजनगर, डोला क्षेत्र में कोरे साबित हो रहे हैं जिले के अंतिम छोर पर बसे राजनगर में इन दिनों शराब माफियाओं ने अपना कारोबार मध्यप्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र में संचालित दुकानों से छत्तीसगढ़ तक बड़ी मात्रा में शराब भेजी जा रही है। रोजाना बड़े वाहनों से अवैध शराब छत्तीसगढ़ की सीमा तक पहुंचा दिया जाता है
शाराब माफिया की चांदी
छत्तीसगढ़ राज्य के संपूर्ण शराब दुकान शासकीय हो जाने से इस समय छत्तीसगढ़ राज्य मैं मध्य प्रदेश के राजनगर शराब ठेकेदार द्वारा छत्तीसगढ़ की सीमा पर अपने चिन्हित व्यापारियों द्वारा अवैध शराब पहुंचाई जा रही है। बॉर्डर क्षेत्र होने के कारण राजनगर के शराब माफियाओं की चांदी हो गई। शराब ठेकेदार पहले छत्तीसगढ़ में शराब दुकान चलाता था। लेकिन छत्तीसगढ़ की संपूर्ण शराब दुकान शासकीय हो जाने के कारण वहां इन्हें टेंडर नहीं मिल सका जिसके कारण ठेकेदार द्वारा मध्यप्रदेश में टेंडर डाला गया और टेंडर मिलते ही मध्य प्रदेश बॉर्डर से छत्तीसगढ़ बॉर्डर से जुड़ी दुकानों में अवैध शराब का संचालन शुरू किया है।
पैकारी में निजी वहन का उपयोग
राजनगर शराब ठेकेदार द्वारा आए दिन अपने वाहनों से अवैध शराब की खेप अपने चिन्हित स्थानों पर भारी मात्रा में पहुंचाई जा रही है। जिससे कि आने वाले त्यौहार होली में अच्छी खासी रकम वसूल की जाए वहीं लोगों का कहना है कि मनेंद्रगढ़ में सरकारी शराब दुकान होने से लोगों को पर्याप्त मात्रा में शराब नहीं मिल पा रही है। जिसका फायदा राजनगर ठेकेदार बखूबी उठा रहे हैं व पर्याप्त मात्रा में लोगो तक शराब पहुचाई जा रही है।

राजनगर बना अवैध पैकारी का केन्द्र
छत्तीसगढ़ ले जाने के लिए राजनगर से दूसरे तीसरे दिन वाइट कलर की बोलेरो में 3:30 से 4 बजे की सुबह राजनगर भगत सिंह चौक पर अवैध रूप से रखी शराब को चार पहिया वाहन में लोड कराया जाता है। जिसके बाद लोग वाहन को बस स्टैंड होते हुए डोला से झरियाटोला होते हुए आमाडॉड, बरतराई होते हुए छत्तीसगढ़ की सीमा मरवाही में बड़ी मात्रा में मध्य प्रदेश की शराब छत्तीसगढ़ में पहुंचाई जाती है। दबी जुबान में पता चला है कि आजकल शराब माफियाओं द्वारा ट्रेन के माध्यम से भी अवैध शराब की पैकारी कराई जा रही है। शराब माफियाओं द्वारा शराब बोलेरो में भरकर राजनगर,डोला, रामनगर, स्टेडियम के पास बने स्थाई अड्डे में भेजवाया जाता है जो खोंगापानी, लेदरी ,मनेंद्रगढ़ शहर में पैकारी के रूप में या फिर होटलों में बेची जाती हैं। वही मरवाही, दानी कुंडी क्षेत्रों में शराब ठेकेदार द्वारा अपने निजी वाहन या छत्तीसगढ़ के लग्जरी वाहनों के माध्यम से अवैध शराब का संचालन कराया जाता है। जिससे छत्तीसगढ़ शासन को प्रति माह करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है।
नींद मे आलाधिकारी
कोयलांचल क्षेत्र राजनगर के शराब माफिया और ठेकेदार आलाधिकारियों से साठ-गांठ कर आसपास के क्षेत्रों में अवैध शराब की पैकारी बडी मात्रा मेें कर रहे है। रामनगर थाने द्वारा छोटी मोटी कार्यवाही कर वाह वाही तो लूट लेते है पर बड़े पैमाने में हो रहे पैकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के आखरी छोर पर बसे राजनगर में वर्तमान में तीन अंग्रेजी शराब दुकान है व एक देसी शराब दुकान है जिसे एक ही ठेकेदार के द्वारा चलाया जा रहा है जो कि छत्तीसगढ़ के दो किनारों से महज 2 किलोमीटर पर स्थित है।

इनका कहना है
हमारे द्वारा क्षेत्र में छापा मारकर कार्यवाही की जाएगी व शराब बिक्री के लाइसेंस की मांग की जाएगी लाइसेंस प्राप्त ना होने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
यू .एन. प्रसाद
एसडीओपी कोतमा

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